उदयपुर/पाली/देवगढ़. फोर व्हीलर में लिफ्ट देने के बहाने लूट लेने वाला गिरोह आखिरकार पाली में पुलिस के हाथ आ ही गया। यह गिरोह उदयपुर, जोधपुर, व अजमेर संभाग में पुलिस के सिरदर्द बना हुआ था।
इस गिरोह में मासूम बच्चे वाली एक महिला भी है, जिसे ये लोग ढाल की तरह इस्तेमाल करते थे। गिरोह ने कई वारदात कबूली हैं। गुरुवार को उदयपुर में एक युवक और देवगढ़ में टीचर के साथ वारदात कर भाग रहे इस गिरोह को पाली पुलिस ने सिरियारी क्षेत्र के करमाल चौराहा पर नाकाबंदी के दौरान पकड़ लिया।
पाली एसपी अजयपाल लांबा ने बताया कि गुरुवार की रात को पकड़े गए इस गिरोह में शामिल तीन युवक व एक महिला नागौर के मेड़ता सिटी इलाके में रहने वाले हैं।
गिरोह का सरगना शहाबुद्दीन उर्फ भयू व उसकी पत्नी रचना उर्फ अनु नायक है। इनके साथी कमरुदीन उर्फ गोगा पुत्र शफी मोहम्मद निवासी मेड़ता सिटी तथा श्यामलाल चौधरी पुत्र हापू राम निवासी भूरियासनी (नागौर) को भी गिरफ्तार किया है। इन चारों के कब्जे से घटना में इस्तेमाल इंडिका कार, 11 मोबाइल, दर्जनों एटीएम कार्ड व 20 हजार रुपए बरामद किए हैं।
महिला की आड़ में करते थे वारदात
उदयपुर. यह छोटा सा गिरोह मासूम बच्चे वाली महिला की आड़ में वारदात करता था। इन दोनों को देख वाहन की इंतजार में खड़े आसानी से विश्वास कर बैठ जाते थे। सरगना शहाबुद्दीन उर्फ भयू (25) के साथ रचना उर्फ अनु नायक (23) पत्नी के रूप में रहती है, जिसके साथ उसका साढ़े तीन साल का बच्चा भी है। नागौर के मेड़ता सिटी की रहने वाली रचना ने अपने पूर्व पति को छोड़कर करीब चार साल पहले मेड़ता में ही सिविल लाइंस इलाके में रहने वाले शहाबुद्दीन उर्फ भयू (25) पुत्र शराकुदीन का दामन थाम लिया था।
कैसे करते हैं वारदात : बस- टैक्सी अथवा अन्य साधन के इंतजार में अकेले खड़े रहने वाले लोग इनके निशाने पर रहते थे। कार को शहाबुद्दीन ड्राइव करता था। कार के आगे वाली सीट पर वह अपनी पत्नी व बच्चे को बैठाता था।
पीछे वाली सीट पर उसके दोनों साथी बैठ जाते थे। अकेले खड़े व्यक्ति को देख वे उसे लिफ्ट देने के बहाने कार में बैठा देते थे। पीछे वाली सीट पर सवारी को बैठा कर आरोपियों का साथी पीक थूकने के बहाने बार-बार खिड़की से मुंह निकालता था। ऐसा कर वे लिफ्ट लेने वाले व्यक्ति को बीच में बैठा लेते थे और मौका मिलते ही रिवाल्वर तान वारदात करते थे। उसके बाद लिफ्ट लेने वाले व्यक्ति को सुनसान जगह पर उतार कर कार में फरार हो जाते थे।