हर ऑख तरस रही है गेपसागर को छलकता देखने

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पौन घण्टे में बरसा ४ इंच पानी

गेपसागर को लेकर गंभीर नहीं है संबंधित विभाग

दिन भर भी रूक-रूक कर चलता रहा वर्षा का दौर

डूंगरपुर, । बुधवार देर रात्रि को पौन घण्टे तक कहर बरसाने वाले बारिश ने जहां एक बार फिर गेपसागर जलाशय को छलकने के मुहाएने पर लाकर खडा कर दिया लेकिन प्रशासनिक अनदेखी के कारण आज भी टूटी दिवार व नालों के माध्यम से पानी एक तरफ से निकल गया। और गुरूवार दिन भर शहर का वाशिंदा इस बात को लेकर मन मसोजता रहा कि आखिकार गेपसागर जलाशय नहीं छलका। जब कि पूर्व में हुई वर्षा व गत रात्रि से जारी वर्षा के दौर के बाद तो इसके छलकने की हर किसी को उम्मीद थी। गत रात्रि को हुई बारिश के कारण शहर की कई कॉलानियां जलमग्र हुई तो वही शहर के भितरी भाग सर्राफा बाजार, कानेरा पोल, मोची बाजार, सब्जी मण्डी, कुम्हार वाडा के दर्जनों मकान व दूकानों में पानी घुस गया। जिसे निकालने की कवायद रात भर जारी रही। यही नहीं देर रात्रि को जब गेपसागर जलाशय से पानी टूटी हुई दिवार से निकल कर गंदे पानी के नाले में बहकर दूसरी तरफ निकलने लगा तो शास्त्री कॉलोनी नवयुवक मण्डल के सदस्य व जागरूक नागरिक देर रात्रि तक भी पानी रोकने की कवायद में लगे रहे। लेकिन मजे की बात यह है कि जिला प्रशासन को कोई भी नुमाईंदा न तो रात्रि को और ना ही सवेरे १२ घण्टे बित जाने के बाद मौके पर पहुंचा। जिससे आम जन में लगातार चर्चा चलती रही कि जिला प्रशासन व संबंधित विभाग अपनी मनमर्जी पर ही आमदा है। उसे गेपसागर जलाशय के रख-रखाव व अन्य तकनीकी खामियों से कोई सरोकार नही ंहै। इस पर शहर के जागरूक नागरिकों ने सांसद ताराचन्द भगोरा, विधायक लालशंकर घाटिया एवं नगर परिषद सभापति सुशीला भील को अपने दर्द से अवगत कराया तो पहल का दोर शुरू हुआ। और दोपहर १२ बजे तक तहसीलदार केवल मौके पर पहुंची। इससे पूर्व नगर परिषद से अतिक्रमण निरोधी दस्ते के प्रभारी भारतेन्द्र पण्डया, रामसिंह, अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और रेंत के कटटों की व्यवस्था करने में लगे। दोपहर बाद नगरपरिषद सभापति सुशीला भील भी मौके पर पहुंची। और इसके बाद निकल रहे पानी के मार्ग में अवरोध खडा किया। जिसके कारण टूटी हुई पाल के हिस्से वाली सडक पर पानी चढने लगा। और इधर जलाशय का जल स्तर भी लगातार बारिश व जल आवक मार्गाे से आने वाले पानी के कारण बढने लगा। जिसे देखने दिन भर शहरवासियों व जिला मुख्यालय पर पहुंचने वाले अन्य नागरिकों का जमावडा लगा रहा। इधर बांढ नियंत्रण कक्ष के अनुसार गुरूवार प्रात: समाप्त २४ घण्टों में सर्वाधिक वर्षा डूंगरपुर में १.. मिमी रिकोर्ड की गई। जब कि कनबा ३५, देवल १६, सागवाडा ४., गलियाकोट ६५, धम्बोला ३५, वैजा ६६,चिखली ७७ आसपुर ३५, गणेशपुर २२,साबला २९ तथा निठाउवा में १३ मिमी वर्षा रिकोर्ड की गई। इधर जिले के सबसे बडे बांध सोम कमला आम्बा बांध का जल स्तर २१२.५. मीटर जो कि अब छलकने मात्र १ मीटर खाली है। इधर शहर की नई आबादी के प्रगतिगर, जयहिन्द नगर, तुषार वाटिका, हाउसीग बोर्ड के कई इलाकों में पानी भरा हुआ है तथा कई कॉलोनियां जलमग्र अवस्था में है जिससे इस क्षेत्र में बीमारियों का प्रकोप बढने के आसार है।

उल्लेखनीय है कि परिषद द्वारा कॉलोनियों के बसावट के समय पानी निकासी के लिए बनाये गये नालों का निर्माण पूरी तरह तकनीकी मापदण्डों को दर किनार कर बनाया गया है जिसके कारण पानी निकासी के मार्ग में कई प्रकार की बांधाएं आ रही है यही नहीं साबेला तालाब व उसके सामने स्थित शेष भू-भाग का पानी सडक की लेवल तक पहुंच चुका है ऐसे में यदि बारिश का दौर जारी रहा तो साबेला बाईपास मार्ग भी अवरूद्व हो सकता है। लेकिन निकासी को लेकर कोई भी गंभीर नहीं है। जिससे कभी भी बडा हादसा हो सकता है। साथ ही गत रात्रि को प्रारंभ हुए वर्षा के दौर के साथ ही बिजली आपूर्ति लडखडा गई। और गुरूवार को दिन भर भी बिजली गुल होने का क्रम जारी रहा।

 

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