उदयपुर, 7 अगस्त। बीएन कॉलेज ग्राउंड में बने भव्य पांडाल में चलित पुष्पक विमान में खचाखच भरे हजारों श्रद्धालुओं को दर्शन लाभ देने हुए क्रांतिकारी राष्टï्रसन्त मुनिश्री तरूण सागर ने दैनिक जीवन में व्यावाहारिक तौर पर छोटी-छोटी एवं सहज रूप से घटित घटनाओं से जीवन की विसंगतियों से जूझ रहे मनुष्य को सच्चाई से रू-ब-रू होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यहां मैं भगवान की धर्मकथा सुनाने नहीं आया हूं बल्कि अपने कड़वे प्रवचनों के माध्यम से जीवन की व्यथा सुनाने आया हूं।
प्रवचन शृंखला के प्रथम दिन मुनिश्री ने कहा कि जो प्रथम यानी पहला और एक है इक्का, वही सबसे महत्वपूर्ण है। जैसे नहले को दहला, दहले को गुलाम, गुलाम को बेगम, बेगम को बादशाह और बादशाह को इक्का हरा देता है किंतु इक्के से ऊपर कोई नहीं जो उसे परास्त कर सके। यह इक्का ही मनुष्य खुद है। आत्मा है और वही परमात्मा है। उन्होंने कहा कि दुनिया में तीन वृत्ति के लोग मिलते हैं। प्रथम दुर्योधन की वृत्ति के लोग जो अपना खुद का ही भला चाहते हैं। दूसरे युधिष्ठिर वृत्ति के लोग जो अपनों का भला चाहते हैं और तीसरे श्रीकृष्ण वृत्ति के लोग जो सबका भला चाहते हैं। केवल अपना भला चाहने वाला पापात्मा है। अपनो का भला चाहने वाला पुण्यात्मा है जबकि सबका भला चाहने वाला परमात्मा है।
मुनिश्री ने अपनी व्यंगात्मक किंतु प्रभावपूर्ण ओजस्वी शैली में कहा कि आदमी इतना स्वार्थी हो गया है कि भगवान के प्रति उसकी प्रार्थना भी तामसिक हो गई है। वह हाथ जोड़े आंख बंद कर प्रार्थना करता है कि मैं सुखी और मेरे बीबी-बच्चे भी सुखी रहें बाकी दुनिया जाए भाड़ में। व्यथा यही है कि जो व्यक्ति जीता है वह कभी मरेगा ही नहीं और मरता है तो ऐसा कि जैसे कभी जीया ही नहीं। सच्चाई तो यह है कि न तो आदमी को जीना और न मरना ही आता है। उसे तो केवल टाइम पास करना आता है। इसलिए मैं समाज के बीच में अपनी अंजुरी में ठंडा पानी लेकर आया हूं ताकि मैं लोगों पर छिडक़ सकूं जिससे वे अपने क्रोध को, ईष्र्या को, द्वंद्व को, अहंकार को कम करते हुए अत्यंत ठंडा कर सके।
समारोह में सांसद रघुवीर मीणा, शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया, बड़ीसादड़ी विधायक प्रकाश चौधरी, सभापति श्रीमती रजनी डांगी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इससे पूर्व 10 अगस्त को मुनिश्री के सान्निध्य में सांसद श्रीमती मेनका गांधी को उनके द्वारा जीव दया व शाकाहार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के फलस्वरूप तथा समाजसेवा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य करने के लिए कर्नाटक के पद्मविभूषण डॉ. वीरेन्द्र हेगड़े को तरूण क्रांति अवार्ड से नवाजा जाएगा। इसके साथ ही प्रथम तरूण सागर साहित्य पुरस्कार राजस्थान पत्रिका ग्रुप के प्रधान सम्पादक गुलाब कोठारी को प्रदान किया जाएगा।