उदयपुर, बागोर की हवेली के कलाविथी गेलेरी में मानो रंगों में मिली भावनाओ का एक नया संसार बस गया हे, 40 कलाक्रतिया और हर कलाकृति की अपनी एक कहानी, जो कोई भी देखने आया इन रंगों में खोकर इनही का हो गया शहर के जाने माने कलाकार और सेलानी हर कलाकृति को निहारते रहे, हर कलाकृति एकदूसरे से सुन्दर , हर देखने वाले ने दिल खोलकर कलाकारों की सराहना की
मोहनलाल सुखाडिया के द्रश्य कला विभाग द्वारा बागोर की हवेली में स्नातकोत्तर छात्रों की कलाकृतियों की प्रर्शनी का आयोजन किया जारहा हे , और यह २२-९-२०११ तक चलेगा , विभिन्न रंगों से सजी इस कृतियों को कलाकारों ने अपने मन , और समाज की भावनाओ को जोड़ कर बोहत खूबसूरती से केनवास पर उतरा हे ,
कलाकृतियाँ विभाग के अध्यक्ष , एम्.एस. राठोड ,सह अध्यक्ष डॉ. हेमात्न द्विवेदी ,सह आचार्य धर्म वीर बशिष्ठ के मार्ग दर्शन प्रदशित हुई ,
यशपाल बरंडा – “आत्म व्यक्ति चित्र ”
इसमें अपने जीवन के वर्तमान व् भविष्य के प्रति संचेत और समाज में दिग्भ्रमित होने वाली आंतरिक मन की स्थिति रंगों के माध्यम से बताईहे,
आम आदमी की संवेदनाओं को दर्शाया हे जिसमे समाज की विकृति झलकती हे ,
दीपक सेन – “आत्म शांति”
पक्षी और नृत्य करती महिला द्वारा आत्मा शांति का सन्देश देती हे इनकी कृतियाँ ,
इसमें हमारी एकाग्रता को रंगों में उकेरा हे .
इसमें बताया हे की नारी एक प्रकति का ही रूप हे और यह कितना सुन्दर हे
जितेन्द्र बेनीवाल – “मन ”
इसमें रंगों को मन के साथ जोड़ा हे ,
इस में एक अजीब सा इंतज़ार हे जो अपने प्यार को पाने के लिए बेताब हे ,
इस में एक नवयोवन स्त्री के दिल में छुपे प्यार और उसके सपनो को रंगों में संजोया हे
इसमें दिखाया हे प्राक्रतिक सोंदर्य दिल को कितना सुकून देता हे ,
Sach me rang me jeevan tarang
rango me jo baat hai… vakai rango ki dunia bahut khoobsurat hai…. nice paintings… i like colours.. love painting…