बाल विवाहों पर प्रभावी रोकथाम

Date:

उदयपुर, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशन में रविवार को यहां पुलिस लाइन मे विधि सेवा प्राधिकरण की बैठक सम्पन्न हुई।

न्यायाधिपति दलीप ङ्क्षसह की अध्यक्षता में आयोजित बेठक में मुख्यत: बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम,आहत प्रतिकर योजना-२०११ तथा अन्य मुद्दो पर चर्चा की गई। बैठक में न्यायाधिपति ने आगामी २४ अप्रेल को अक्षय तृतीया पर ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले बाल विवाहो को रोकने का आव्हान किया।

न्यायाधिपति ने बताया कि बाल विवाह निवारण कानून २००६ के अधिनियम की जानकारी आम लोगों को काप*ी कम है। बाल विवाह का संचालन, निर्देशन दुष्प्रेरण अथवा सम्पन्न कराने वाले व्यत्ति* को दो वर्ष तक की अवधि के कारावास अथवा एक लाख रूपये तक के जुर्माने अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकेगा। बाल विवाह की रोकथाम के लिए पुलिस प्रशासन, न्यायतंत्र, समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास, प्रचार्य, आंगनवाडी कार्यकर्ता सभी को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे।

सरकार के नोटिपि*केशन के द्वारा उपखण्ड अधिकारी जो संबंधित अधिनियम के अधीन बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी घोषित किया गया है।

उन्होंने बताया कि बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के क्रम में ताल्लुका स्तर पर संबंधित प्रत्येक ग्राम की एक-एक प्रशासनिक समिति का गठन किया जावेगा। जिसमें संबंधित गांव के पंच,सरपंच,बीट कांस्टेबल, पटवारी, तहसीलदार, आंगनवाडी कार्यकर्ता, एएनएम, सचिव ग्राम पंचायत को शामिल करते हुए १० से १२ व्यत्ति* की एक टीम बनाई जावेगी जो कम से कम दो व्यत्ति* राउण्ड द क्लाक गांव में आवश्यक रूप से मौजुद रहते हुए इस प्रकार की विधि विरूद्घ होने वाले बाल विवाहोंपर नजर रखते हुए आवश्यकताअनुसार इसकी सूचना सक्षम अधिकारी/ उपखण्ड अधिकारी को देगें। संबंधित क्षेत्र के विद्यालयों में भी प्रार्थना सभा मे विद्यालय प्राचार्य द्वारा वर्णित जानकारी बैनर्स, प्लेकार्ड व प्रभात पे*री के साथ साथ विवाद, निबंध, लेखन, चित्रकारिता के द्वारा भी दी जावेगी।

इसके पश्चात अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उदयपुर महेन्द्र कुमार माहेश्वरी ने बताया कि विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए व्यत्ति* जिसकी वार्षिक आय सभी स्त्रोतो से १,२५०००/- रूपये है वह अब विधिक सहायता प्राप्त कर सकेगा पूर्व में यह राशि १,००,००० रूपये थी। इसके अतिरित्त* सेशन या अपर सेंशन न्यायालय मेें जो अभिभाषक विधिक सहायता के तहत अभियुत्त* की तरप* पूरे प्रकरण की पैरवी करेगा उन्हे विधिक सहायता राशि ४,५०० रूपये प्रदान की जावेगी। पूर्व में यह राशि ९०० रूपये ही दी जाती थी।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में जो अभिभाषक अभियुत्त* की तरप* से पूरे प्रकरण में पैरवी करेगा उन्हे विधिक सहायता राशि ३,००० रूप्ये प्रदान की जावेंगी। सिविल न्यायाधीश क.ख./अतिरित्त* सिविल न्यायाधीश क.ख.न्यायालय में जो अभिभाषक विधिक सहायता के तहत नियुत्त* अभिभाषक के रूप में पूरे प्रकरण की पैरवी करेगा उन्हे प्रकरण की पेरवी राशि २,००० रूपये प्रदान की जावेगी पूर्व में यह राशि ४०० रूपये थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Pinco Casino, Должностной сайт Игровые автоматы, слоты вдобавок ставки интерактивный

Неношеная платформа для дилетантов азартных развлечений трудится с 2024...

Пинко казино: официальный веб-журнал вдобавок действующие зеркала в видах игры

Заявку следует составлять в отдельном офисе вдобавок отправить в...

Отнесение к категории интерактивный игорный дом 2025 играть на реальные аржаны

Во аналогичных вариантах сетевые провайдеры обязаны блокировать сайтики диалоговый...

Best On The Internet Casinos Canada 2025: Reviews Of Ca Casino Sites

Top 12 Online Gambling Europe Sites For Actual Money...