“तेरे बगैर दोस्ती के कोई मायने नहीं हे मेरे हमसफ़र,
मैं क्या करूँगा ज़माने की दोस्ती लेकर”.
जब हमसफ़र ही दोस्त हो तो दोस्ती की शान और प्यार का खुमार दोनों ही ऊंचाई पे होते हैं. कुछ लोगों का मानना है के पति पत्नी के पावन रिश्ते के बीच दोस्ती का रंग चढ़ जाये तो प्यार का रंग फीका पड़ जाता है. जब के मनोवैज्ञानिको का कहना है के दोस्ती का रंग किसी भी रिश्ते की मिठास को कम नहीं करता बल्कि मजबूती बढाता है. एक दोस्त प्यार हो सकता है, पर बात तब बनती हे जब प्यार दोस्त बन पाए. पेश हे कुछ टिप्स
प्यारी दोस्ती, बेहतर कम्युनिकेशन:
जिस तरह एक दोस्त दुसरे दोस्त से बात आसानी से कह देता है, उसी सरलता से अगर हम हर रिश्ते में कम्युनिकेशन बनाये रखें तो पति पत्नी में झगडे की संभावना कम हो जाती है. अपनी प्रोब्लम्स को साथी के साथ बेहिचक शेयर कीजिये. फिर देखिये शिकायतें कहा हवा में उड़ जाती हैं. शिकायतें कौनसे कपल में नहीं होती. बस फर्क इतना हे के कुछ लोग शिकायतों को मेनेज करना जानते है.
दोस्ती के साथ कहिये अकेलेपन को बाये बाये
जब आप अपने साथी को दोस्त मानेंगे तो एक दोस्त के वेल-विषर होने के नाते आप गुस्से में भी एक दुसरे का नुकसान नहीं कर पाएंगे. कभी कभी अहेमकर वश कपल दोषारोपण करते करते, हार जीत का इशु बना लेता है. ऐसे समय में दोस्ती की डोर ही एक मजबूत बांध बनती है जो विश्वास और प्यार के धागों से बनी होती है. “ज़िन्दगी में दोस्ती से बड़ा कोई रिश्ता नहीं, ये ही दोस्ती, माँ बेटी के रिश्ते में, पति पत्नी के रिश्ते में मजबूती के जोड़ का काम करती है.” कहना है मनोवैज्ञानिक मधुमिता सिन्हा का. “दोस्ती का डोज़ ज़िन्दगी में खुशियाँ ला देता है, फिर वो डोज़ किसी भी रिश्ते के लिए क्यों न हो.” कहना है उषा सैनी का. हर रिश्ते को बनाये रखने के लिए मेहनत करनी पड़ती है. प्यार से सवर्ण पड़ता है और विश्वास की नाज़ुक खुशबू से मेहेकाना पड़ता है. जब दोस्ती जैसी भीनी खुशबू से ये कम आसानी से किया जा सकता है तो क्यों नहीं.
साकार कीजिये एक कुशल दाम्पत्य के सपने को दोस्ती के रंगो के साथ.
bohot hi achcha likha he bilkul sahi ki दोस्ती का रंग किसी भी रिश्ते की मिठास को कम नहीं करता बल्कि मजबूती बढाता है. एक दोस्त प्यार हो सकता है, पर बात तब बनती हे जब प्यार दोस्त बन पाए. wah ji wah ……..
This will be a better lines for my partner-
तुम अरब देश की घोड़ी हो,मॅ हू गदहे की नाल प्रिये
तुम दीवाली की बोनस हो, मॅ भूखो की हडताल प्रिये
तुम हीरो जारी तश्तरी हो,मॅ अल्मुनिउम की थॉल प्रिये
तुम चिकन सूप बिरियानी हो,मॅ कंकर वाली दाल प्रिये
तुम हिरण चौकरी भरती हो,मॅ हू कछुए की चाल प्रिये
तुम चंदन वन की लकडी हो,मॅ हू बाबुल की छाल प्रिये
मॅ पके आम सा लटका हू,मत मार मुझे गुलेल प्रिये
मुस्किल है अपना मेल प्रिये,ये प्यार नही है खेल प्रिये
मॅ शनि देव जैसा कुरूप,तुम कोमल कंचन काया हो
मॅ तन से मान से कांशी राम,तुम महा चंचला माया हो
तुम निर्मल पावन गंगा हो,मॅ जलता हुआ पतंगा हू
तुम राज घाट की शांति मार्च,मॅ हिंदू-मुस्लिम दंगा हू
तुम हो पूनम का ताजमहल,मॅ काली गुफ़ा अजंता की
तुम हो वरदान विधाता का,मॅ ग़लती हू भागवनता की
तुम जेट विमान की शोभा हो,मॅ बस की ठेलम ठेल प्रिये
मुस्किल है अपना मेल प्रिये,ये प्यार नही है खेल प्रिये