भारत में अनुभवी पायलटों की कमी के कारण यहां विदेशी पायलटों को नियुक्त करना पड़ता है। वर्तमान में घरेलू एयरलाइन्स के लिए 356 विदेशी पायलट कार्यरत हैं।
एयर इंडिया में 70 विदेशी पायलट, इंडिगो और स्पाइस जैट में क्रमश: 54 और 33 एक्स्पैट(अपने घर या देश से दूर किसी काम पर) पायलट हैं, वहीं किंगफिशर में 100 से ज्यादा विदेशी पायलट हैं, लेकिन कब तक एविएशन इंडस्ट्री विदेशी पायलटों के भरोसे रहेगी? इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक आने वाले दो सालों में घरेलू एयरलाइंस में 300 सीनियर पायलट या कमांडर्स की जरूरत होगी।
चीन के बाद भारत विकसित हो रही एविएशन इंडस्ट्री का बड़ा बाजार है, जहां ज्यादातर एयरलाइंस ग्लोबल पायलट रिक्रूटमेंट एजेंसीज के जरिए एक्सपैट पायलट को नियुक्त करते हैं। एयरइंडिया में 90 त्न पायलट्स की सप्लाई लंदन की रिशवर्थ एविएशन लिमिटेड, सिग्मा एंड इकोनॉमिक डायनेमिक्स से होती है।