चित्तौडग़ढ़। बस्सी कस्बे में एक झोलाछाप डाक्टर द्वारा साढ़े छह माह की बच्ची को लगाए इंजेक्शन के कुछ ही देर में बच्ची की मौत हो गई। यहां महिला एवं बाल चिकित्सालय में बच्ची को मृत घोषित करने के बाद सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस भी अस्पताल पहुंची। बस्सी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने झोलाछाप डॉक्टर के पिता को हिरासत में ले लिया है, वहीं झोलाछाप डॉक्टर फरार हो गया है, जिसकी तलाश की जा रही है।
समीपवर्ती गांव दल्ला का खेड़ा निवासी नारायण भील पुत्र लक्ष्मण भील उसकी साढ़े छह महीने की बेटी खुशियां को लेकर मंगलवार दोपहर में कलेक्ट्रेट चौराहा स्थित राजकीय महिला एवं बाल अस्पताल में पहुंचा। डाक्टरों ने नवजात बालिका की जांच करते ही मृत घोषित कर दिया। इसके बाद नारायण एवं उसकी पत्नी रोने लगे। देखते ही देखते अस्पताल परिसर में लोगों की भीड़ लग गई। नारायण ने बताया कि बेटी खुशियां को जुकाम एवं दस्त लग रहे थे। उन्होंने सोमवार को बस्सी में क्लीनिक चला रहे एक झोलाछाप डाक्टर मोतीउर्रहमान को दिखाया। झोलाछाप डॉक्टर ने बच्ची का इलाज करने के लिए साढ़े तीन हजार रुपए लिए। दवाई देने के बाद मंगलवार को भी बुलाया। मंगलवार सुबह करीब नौ बजे झोलाछाप डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया और इंजेक्शन के बदले सात सौ रुपए भी लिए। इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद ही खुशियां की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। यह देख झोलाछाप डॉक्टर ने उनके साथ जिला अस्पताल तक चलने की बात कही, मगर मौका पाकर वह भाग छूटा। इधर, दंपती बच्ची को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। नारायण भील ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर ने गलत इलाज करने के बावजूद 4200 रुपए ऐंठ लिए। दंपती को रोता देख किसी ने कोतवाली पुलिस को सूचना दे दी। कोतवाली से एएसआई डालचंद जाब्ता के साथ अस्पताल पहुंचे और पीडि़त दंपती को कोतवाली लेकर गए। वहां से बस्सी पुलिस को सूचना देने के साथ ही दंपती को बस्सी थाने पर भिजवाया। इधर, बस्सी पुलिस ने भादसं की धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर झोलाछाप डॉक्टर मोतीउर्रहमान के साथ ही काम कर रहे उसके पिता खलीलुर्रहमान को पारसोली के पास से गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मोतीउर्रहमान फरार हो गया।
झोलाछाप डॉक्टर ने किया इलाज, बालिका की मौत
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