उदयपुर , राजस्थान हाईकोर्ट (जोधपुर) ने उदयपुर में झीलों के आसपास दो बड़े समूहों की होटलों सहित चालीस से अधिक अवैध निर्माण तोड़ने के आदेश दिए हैं जिनका सरपरस्त स्थानीय प्रशासन बना हुआ था और जहाँ हर अधिकारी और स्थानीय निकाय वहां जा कर देख आते थे की कितना निर्माण हो गया है ।
ये निर्माण नो कंस्ट्रक्शन जोन में हुए हैं। एक होटल समूह पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जनहित याचिका में पारित अदालती आदेश की पालना नहीं किए जाने पर प्रार्थी की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के बाद ये आदेश दिए गए।
इसमें उदयसागर के पास निर्माणाधीन वर्धा समूह की पांच सितारा होटल, फतहप्रकाश होटल के तीस कमरे, स्वरूप सागर के निकट सरस्वती देवी सिंघल के आवास में किए गए विस्तार सहित चालीस से अधिक निर्माण तोड़ने के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश संगीत राज लोढ़ा की खंडपीठ ने प्रार्थी राजेंद्र कुमार राजदान की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद दिए हैं।
याचिका की सुनवाई बुधवार को पूरी हुई, जिसमें अदालत की ओर से नियुक्त कमिश्नर दिनेश
मेहता व सभी पक्षों की ओर से अधिवक्ताओं ने दलीलें पेश कीं। झीलों से संबंधित जनहित याचिका वर्ष 1999 में दायर की गई। जिस पर वर्ष 2007 में निर्णय हुआ, लेकिन अदालत के आदेश की अनदेखी करने पर राजदान ने वर्ष 2010 में अवमानना याचिका दायर की।