उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक के देबारी स्थित जिंक स्मेल्टर प्लांट में प्रबंधन की तानाशाही को लेकर कर्मचारियों ने आज सुबह कार्य का बहिष्कार कर दिया। कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर प्रबंधन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। हालांकि बाद में कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच समझौता हो गया और कर्मचारी फिर से काम पर लौट गए।
सूत्रों के अनुसार हिन्दुस्तान जिंक प्रबंधन ने कर्मचारियों के कार्ड पंचिंग कर प्रवेश तथा अपने वाहन प्लांट में नहीं लाकर बाहर ही खड़े रहने पर सख्त रूख अपनाया। इस पर पहले से विरोध कर रहे कर्मचारी आज खुलकर सामने आ गए, जिस पर प्लांट का गेट लगाकर सभी को बाहर निकाल दिया तथा गेट पर ताला लगा दिया। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि हम प्रबंधन की हर बात मानेंगे, लेकिन प्रबंधन को अपना रवैया सुधारना होगा और हमारी समस्या पर ध्यान देना होगा।
वेतन समझौते के तहत हर पांच साल में अगले पांच सालों तक कर्मचारियों का वेतन 15 से 30 प्रतिशत तक बढ़ाया जाता है, लेकिन जुलाई, 2012 में ही अवधि पूरी होने तब से लेकर अब तक तक वेतन में नया समझौता नहीं हुआ।
उस पर प्रबंधन ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए कर्मचारियों के वाहन गेट के बाहर खड़े करवा दिए और आने-जाने पर प्रतिबंध लगाते हुए कार्ड पंचिंग सिस्टम सख्ती से लागू करवा दिया। इस पर प्रबंधन के साथ कर्मचारी नेताओं की चली लंबी वार्ता के बाद आपस में समझौता हो गया और कर्मचारी काम पर लौट गए।
॥हमारी कुछ स्थानीय समस्याएं थी, जिसको लेकर आज कार्य का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया था। प्रबंधन से बात हो गई है और उन्होंने जल्द ही हमारी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है।
-मांगीलाल अहीर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जिंक स्मेल्टर मजदूर संघ
॥मुझे कुछ पता नहीं, जिन्होंने हड़ताल की, उनसे पूछिए। मुझे कोई जानकारी नहीं है।
-मोहम्मद अली, एचआर हैड, हिंदुस्तान जिंक, देबारी