उदयपुर। भुवाणा पंचायत के फर्जी पट्टों के प्रकरण में लिप्त पाए जाने पर तत्कालीन और वर्तमान में झाड़ोल पंचायत समिति में कार्यरत रही ग्राम सचिव अंजना माथुर को जिला परिषद ने सोमवार को निलंबित कर दिया। इसी के साथ माथुर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को चालान पेश करने के लिए जिला परिषद की जिला स्थापना समिति ने अभियोजन स्वीकृति भी सर्वसम्मति से प्रदान कर दी है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने लोकसेवक अंजना माथुर को अभियुक्त मान उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में अभियोजन स्वीकृति का प्रकरण जिला परिषद में लंबित था, जिस पर जिला स्थापना समिति की बैठक में अभियोजन स्वीकृति देने की मंजूरी जारी की गई। इसकी पालना कर सीईओ अबरार अहमद ने आदेश जारी किया और दूसरी तरफ दोषी पाए जाने पर माथुर को निलंबित करने का आदेश भी जारी किया। माथुर निलंबन काल में गिर्वा पंचायत समिति कार्यालय में उपस्थिति देगी। इस मामले में बड़गांव पंचायत समिति पट्टे खारिज कराने के लिए प्रकरण की पैरवी कर रही है। चूंकि भुवाणा पंचायत बड़गांव पंचायत समिति में आती है तो पंचायत समिति को हुई राजस्व हानि के मामले में भी कार्रवाई करनी है।
ग्रामसचिव अंजना माथुर को निलंबित कर दिया है। जिला परिषद ब्यूरो ने अभियोजन स्वीकृति भी भिजवा दी है।
अबरार अहमद, सीईओ, जिला परिषद, उदयपुर
पत्रिका ने किया था भण्डाफोड़
भुवाणा पंचायत के उपरोक्त कई फर्जी पट्टों के मामले का सर्वप्रथम खुलासा “राजस्थान पत्रिका” ने 4 अगस्त 08 के अंक में अंतिम पृष पर “चार बार स्टाम्प ड्यूटी घोटाला” शीर्षक से समाचार श्ृंखला प्रकाशित कर किया था। जिला प्रशासन ने तत्कालीन ग्रामसचिव अंजना माथुर और सरकार ने सरपंच अनिल चित्तौड़ा को निलंबित किया था। संभागीय आयुक्त ने भी आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का आदेश जारी किया था। –