उदयपुर। एक जुलाई से किसी भी वाहन को बिना पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसी) ईंधन नहीं मिलेगा। इसमें दुपहिया सहित सभी वाहन और ईंधन में पेट्रोल, डीजल के साथ गैस शामिल हैं। इतना ही नहीं, सात जुलाई तक सर्टिफिकेट नहीं लिया तो आरटीओ को वाहन का रजिस्ट्रेशन तक रद्द करने का अधिकार होगा। इसके बाद वाहन पूरे प्रदेश में नहीं चल सकेगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के इस फैसले के बाद राज्य सरकार ने यह आदेश निकाल दिए हैं, सभी कलेक्टर, आरटीओ पॉल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट को आदेश की पालना करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य में बढ़ाते प्रदूषण को लेकर जोधपुर निवासी नवीन वर्मा ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका लगाई थी, जिसके पक्ष में ट्रिब्यूनल में 15 अप्रैल को यह फैसला सुनाया था और राज्य सरकार को निर्देशित किया था। इसके बाद राज्य की परिवहन आयुक्त एवं शासन सचिव गायत्री राठौड़ राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के मैंबर सेक्रेट्री अरूण प्रसाद ने प्रदेश के सभी कलेक्टर और डीएसओ को दी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोन भोपाल के न्यायाधीश दिलीपसिंह रंजन चटर्जी की बैंच द्वारा जोधपुर के नवीन वर्मा बनाम राजस्थान स्टेट अन्य की रीट पर 15 अप्रैल 2015 को जारी आदेश की प्रति भेज अनुपालना के निर्देश दिए।
साथ ही कलेक्टरों को तीन अगस्त को ट्रिब्यूनल की सुनवाई से पहले अनुपालना रिपोर्ट भेजने को कहा है।
क्या फैसला था ट्रिब्यूनल का
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (सेंट्रल जोन, भोपाल) की न्यायाधीश दिलीपसिंह एवं रंजन चटर्जी की बैंच ने राजस्थान सरकार, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ओर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से कहा है कि राज्य में प्रदूषण बड़ी समस्या है। इस पर कंट्रोल नहीं किया गया तो इससे आम जनजीवन प्रभावित होगा और इसके दूरगामी गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस पर तुरंत रोक के लिए 30 दिन में प्रदूषण मापक यंत्र, प्रदूषण मापक स्टेशन अथवा एजेंसी खोलकर लोगों को वाहन का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लेने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके बाद भी सर्टिफकेट नहीं लिया जाता है तो सख्ती की जाए।
प्रदुषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के बिना अब नहीं मिलेगा पेट्रोल और डीज़ल
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