प्रदेशभर में मावठ की बारिश, फसलों को हुआ फायदा, हवा चली तो होगा नुकसान
उदयपुर। मौसम पर बीती रात एक बार फिर से बिगैड़ल होने की तोहमत लगी है। सर्द रात में बरसात ने साबित कर दिया कि मौसम के मिजाज बिगड़े हुए हैं। मावठ की बरसात ने मेवाड़ सहित प्रदेश को भिगो दिया है। कल से उदयपुर सहित पूरे प्रदेश में रुक-रुक कर हो रही मावठ की हलकी-तेज बारिश का दौर चल पड़ा है। मावठ की इस बारिश से जहां फसलों को फ़ायदा है, वही किसानों को तेज हवा चलने का डर भी बना हुआ है, जो खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा सकती है। सर्दी का जोर हालांकि पिछले हफ्ते से बरकरार है, लेकिन बारिश होने के बाद तापमान में और कमी आई है।
कल शाम से हलकी फुहार से शुरू हुई मावठ की बारिश ने शहर को ठिठुरा दिया है। बारिश देर रात तक रुक-रुक कर कभी हलकी कभी तेज बरसती रही। आज सुबह चार बजे से हलकी फुहार के साथ बरसते हुए करीब आठ बजे तक जारी रही। मौसम विभाग के अनुसार कल शाम से शुरू हुई बारिश से भी तापमान में कमी आ गई। बीती रात का न्यूनतम तापमान 6.8 तक पहुंच गया था। आज सुबह भी सूरज के बादलों की ओट में छुपे रहने और हलकी बारिश की वजह से मौसम में पिछले दिनों की अपेक्षा अधिकतम तापमान में भी कमी नापी गई। सुबह 11 बजे तक का अधिकतम तापमान 17 डिग्री तक रहा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मावठ की बारिश आने वाले तीन दिनों में और हो सकती है। इसके बाद सर्दी के और बढऩे के आसार है।
फसलों को होगा लाभ : कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि कल से हुई मावठ की इस बारिश में गजलों को लाभ पहुंचेगा, क्योंकि फसलें अभी पूरी तरह बड़ी नहीं हुई है। ऐसे में एक बार उनको पानी की आवश्यकता होती है और यदि मावठ की बारिश ज्यादा तेज नहीं हुई, तो इस बारिश से किसानों को खासा लाभ होगा। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि वातावरण में नमी आने की वजह से पाला पढऩे की संभावना भी लगभग ख़त्म हो गई और इससे भी किसानों को फ़ायदा पहुंचेगा।
तेज हवाओं का डर : किसानों में कल से हुई बारिश को लेकर हर्ष तो है लेकिन साथ ही एक डर भी बना हुआ है कि अगर तेज हवाओं के साथ बारिश हुई, फसलों को भारी नुकसान हो जाएगा। अभी सरसों, गेंहू, चने की फसल मुख्य रूप से खड़ी हुई है। हालांकि मौसम विभाग ने तेज हवाओं के कोई संकेत नहीं दिए हैं।
बारिश से हुई परेशानी : कल शाम से शुरू हुई बारिश में कई जगह काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी उन इलाकों में हो रही है, जहां पर सीवरेज का कार्य चल रहा है, क्योंकि शहर के अधिकतर हिस्सों में सीवरेज की वजह से सड़कें खुदी हुई है और उन पर डामरीकरण का कार्य नहीं हुआ है। ऐसे में बारिश के पानी की वजह से सारी सडकों पर कीचड़ पसरा हुआ है। कृषि उपज मंडी में भी बारिश की वजह से कीचड़ हो जाने से सुबह सब्जी बेचने आने वाले किसानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
अफीम की फसल को नुकसान नहीं : संभाग के कई हिस्सों में बारिश हुई है, जिसमें चित्तौड़, प्रतापगढ़ भी शामिल और इन क्षेत्रों में अफीम की खेती मुख्य रूप से की जाती है, जो कि संभाग ही नहीं राज्य का भी मुख्य आर्थिक स्रोत है। ऐसे मौसम में बारिश और हवाएं आने से सबसे बड़ा नुकसान अफीम को होता है, लेकिन कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस हलकी बारिश में अफीम की खेती को अभी कोई नुकसान नहीं है और डोडे भी पूरी तरह तैयार नहीं हुए है।
वर्जन…
कल से हुई मावठ की इस बारिश में फसलों को फ़ायदा ही है। अभी फसल को पकने में समय है और इस बारिश से फसलों को पानी की पिलाई अच्छे से हो गई है। अभी गेहूं, चना और सरसों की खेती मेवाड़ के अधिकतर हिस्से में हो रही है।
-रमेश जारोली, डिप्टी डायरेक्टर, एग्रीकल्चर
अफीम के डोडो को इस बारिश से नुकसान नहीं होगा, क्योंकि बारिश एक तो तेज नहीं आई और दूसरा अभी डोडे पूरी तरह तैयार नहीं हुई है।
-सुधीर वर्मा, कृषि वैज्ञानिक
मौसम पर लगी बिगड़ैल होने की तोहमत
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