हेड कांस्टेबल रूपउदयपुर। हिरणमगरी सेक्टर 14 में छह जे ब्लॉक का आलीशान बंगला किसका है? इस सवाल का जवाब नहीं मिल रहा है। लोगों का कहना है कि यह मकान हेड कांस्टेबल रूपलाल सालवी का है, जबकि रूपलाल कहता है कि यह मकान उसका नहीं है। जब उससे यह पूछा जाता है कि-क्रफिर किसका है?ञ्ज तो वह मालिक का नाम नहीं बता पाता है। यह अलग बात है कि रूपलाल रहता इसी इमारत में हैं। इसमें किराएदार भी है, जिसने एक दुकान में बिल्डिंग मटेरियल बेचने का कारोबार शुरू किया है। वह भी रूपलाल को ही मकान मालिक जानता है, क्योंकि वह किराया रूपलाल को ही देता है। वैसे रूपलाल सालवी नाम का यह हेड कांस्टेबल अभी जिला बदर है। उसको एक साल पहले पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद शर्मा ने शराब तस्करों से मिलीभगत साबित होने पर तड़ीपार किया था। श्री शर्मा ने पुलिस फोर्स के आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिसमें रूपलाल भी एक है। इसे राजसमंद लाइन में हाजिरी देने का आदेश दिया गया। यह अलग बात है कि बीमारी के बहाने वह उदयपुर नहीं छोड़ रहा है। बताया जाता है कि हेड कांस्टेबल रूपलाल सालवी तीन साल पहले इसी सेक्टर 14 में तीन हजार रुपए तक का किराए का मकान ढूंढ रहा था लेकिन आज वह तीन करोड़ के मकान में मालिक बनकर रह रहा है। प्रोपर्टी बिजनेस में दखल रखने वालों का तो यही कहना है कि यह बिल्डिंग कम से कम तीन करोड़ रुपए की है।
तीन प्लाट मिलाए: सेक्टर 14 में छह-जे ब्लॉक का यह बंगला करीब चार हजार स्क्वायर फीट भू-भाग पर बनाया गया है। यह 100 फीट रोड के कॉर्नर पर पूर भव्यता के साथ सिर उठाए खड़ा है। बंगले के बाहर खड़ी तीन लग्जरी गाडिय़ा भी मकान मालिक की संपन्नता की चुगली करती है।
किराएदारी मालिकाना
क्रमददगारञ्ज को छानबीन में कुछ स्थानीय युवकों ने बताया कि यह मकान हेड कांस्टेबल रूपलाल सालवी का है। रूपलाल का ट्रांसफर जब गोवर्धनविलास थाने में हुआ तो उसने तीन हजार रुपए प्रतिमाह का मकान ढूंढना शुरू किया। तब हमने उन्हें हाउसिंग बोर्ड का एक क्वार्टर दिलवाया था। शिव चक्की वाला ने बताया कि मकान तो रूपजी का ही है, लेकिन उन्होंने अभी तक नांगल नहीं किया है। मौके पर मकान के नीचे चार बड़ी-बड़ी दुकानें निकाली गई है, जिनमें से दो में बिल्डिंग मटेरियल का कारोबार चल रहा है। किराएदारों का कहना है कि उन्होंने दुकानें मकान मालिक रूपलाल से ही किराए पर ली है।
कौन है रूपलाल
खेरवाड़ा की एक झोंपड़ी में रहने वाला रूपलाल सालवी गोवर्धनविलास थाने में नियुक्ति के बाद उस समय सुर्खियों में आया जब उसने शराब की तस्करी करते एक के बाद एक कई ट्रक पकड़वाए। उसकी खूब प्रशंसा हुई। पुलिस और आबकारी विभाग ने उसे सम्मानित भी किया। बताया गया है कि बाद में उसने तस्करों से सांठ-गांठ करके बड़े-बड़े पुलिस अधिकारियों तक को अपने जाल में फंसा लिया। शराब तस्करी का कारोबार व्यवस्थित रूप से होने लगा। कहते हैं कि इस रैकेट ने खूब चांदी कूटी लेकिन सालभर पहले भेद खुल गया। एसपी हरिप्रसाद शर्मा ने इसे तड़ीपार करते हुए राजसमंद भेज दिया, जहां पुलिस लाइन में पोस्टिंग है। लेकिन यह हेड कांस्टेबल छुट्टी लेकर यहां अपना कारोबार कर रहा है।
मैंने सुना है कि क्रजेञ्ज ब्लॉक में रूपलाल सालवी ने बड़ा आलीशान मकान बनवाया है।
-चंदा राव, क्षेत्रीय पार्षद
मैं रूपलाल जी का पुत्र हूं। उनकी तबीयत खराब है, इसलिए वह अभी बात नहीं कर सकते। यह मकान हमारा नहीं है। कुवैत में रहने वाले एक व्यक्ति का है। हम तो किराए पर रहते हैं।
जिग्नेश सालवीलाल सालवी का कहना है कि यह मकान उसका नहीं और किरायेदार कहते हैं रूपलाल ही है इस मकान का मालिक