मोटापा ना सिर्फ मधुमेह जैसे रोगों को आमंत्रित करता है अपितु समानांतर रोगों का जन्म कारक भी है। क्या वजह है, जो आदिवासियों में मोटापा, मधुमेह, उच्च या निम्न रक्तचाप जैसी समस्याएं देखने नहीं मिलती? अपने अनुभवों के आधार पर मैने पाया है कि आदिवासियों का खान-पान, जीवनशैली और वनौषधियां इन सब रोगों को उनके आस-पास तक भटकने नहीं देती। जानने की कोशिश करते हैं आदिवासियों के कुछ चुनिंदा हर्बल नुस्खों को जिन्हें अपनाकर आप भी अपने शरीर की चर्बी को कम कर सकते है, लेकिन इन नुस्खों को अपनाने के साथ-साथ ये भी जानना जरूरी है कि अपनी जीवनशैली को नियंत्रित करना आपके अपने हाथ में है।
मोटापे की समस्या से निजात पाने के कुछ प्राकृतिक नुस्खे बता रहे हैं डॉ दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रालि. अहमदाबाद)। डॉ. आचार्य पिछले 15 सालों से अधिक समय से भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को इकट्ठा करने का काम कर रहे हैं।
पढ़ें मोटापा कम करने के 10 देसी नुस्खे…
आधा चम्मच सौंफ लेकर एक कप खौलते पानी में डाल दी जाए और 10 मिनिट तक इसे ढांककर रखा जाए और बाद में ठंडा होने पर पी लिया जाए। ऐसा तीन माह तक लगातार किया जाना चाहिए, वजन कम होने लगता है।गुग्गुल गोंद को दिन मे दो बार पानी में घोलकर या हल्का गुनगुना कर सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है।लटजीरा या चिरचिटा के बीजों को एकत्र करके, किसी मिट्टी के बर्तन में हल्की आंच पर भून लिया जाए और एक-एक चम्मच दिन में दो बार फांकी मार ली जाए, बस देखिए कितनी तेजी से फायदा होता है।हर्रा या हरड और बहेडा के फल का चूर्ण एक एक चम्मच लेकर 50 ग्राम परवल का जूस (1 गिलास) के साथ मिलाकर प्रतिदिन लिया जाए, वजन तेजी से कम होने लगता है तथा शारीरिक थकान में भी कमी आती है। करेले की अध कच्ची सब्जी भी वजन कम करने में काफी मदद करती है, उत्तर मध्यप्रदेश के आदिवासी सहजन या मुनगा की फलियों की सब्जी को मोटापा कम करने में असरकारक मानते हैं।सोंठ, दालचीनी की छाल और काली मिर्च (3 ग्राम प्रत्येक) लेकर कुचल लिया जाए और चूर्ण बनाया जाए। इस पूरे चूर्ण को दो हिस्सों में बांटकर एक हिस्सा सुबह खाली पेट और दूसरा रात सोने से पहले लिया जाना चाहिए। चूर्ण को एक पानी में डालकर, घोलकर पिया जा सकता है।शहद एक काम्पलेक्स शर्करा की तरह है, जो मोटापा कम करने में काफी हद तक मदद करता है। गर्म पानी में एक चम्मच शहद प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीने से कुछ ही समय में परिणाम दिखने लगते हैं, कुछ जगहों पर लोग इसी मिश्रण में एक चम्मच नींबू रस भी डाल देते है, दोनों फार्मूले हितकर हैं। कई लोग दिन भर सिर्फ नींबू पानी और शहद का मिश्रण पीकर उपवास भी करते है। माना जाता है कि यह एक कारगर देसी फार्मूला हैपुदीना की ताजी हरी पत्तियों की चटनी बनाई जाए और चपाती के साथ सेवन किया जाए, असरकारक होती है। आदिवासी पुदीना की चाय भी पीने की सलाह देते हैं।गाजर का भरपूर सेवन किया जाना चाहिए खास तौर से खाना खाने से पहले। आधुनिक विज्ञान भी गाजर को मोटापा कम करने में कारगर मानता है।
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