उदयपुर। उदयपुर शहर और जिले में एडवेंचर तथा वाटर स्पोट्र्स टूरिज्म विकसित करने के लिए जिला प्रशासन ने गुरूवार को खाका तैयार कर लिया है। जहां टूरिज्म साइट विकसित करनी है, उसके मौके देखने के लिए जल्द ही पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव उदयपुर आएंगे। इस बीच प्रशासन ने नई टूरिज्म गतिविधियां विकसित करने के लिए पीपीपी मोड पर निजी फर्मो, कंपनियों के प्रस्ताव मांगने शुरू कर दिए हैं।
निजी सहभागिता से विकसित किए जाने वाली पर्यटन की गतिविधियां संचालित करने की इच्छुक फर्मे, कंपनियां कलेक्ट्रट में प्रस्ताव जमा करा सकती हैं। कलक्टर आशुतोष एटी पेडणेकर ने इस मसले पर गुरूवार को वन विभाग और पर्यटन विभाग की बैठक बुलाई। हाल ही सरकार आपके द्वार में मुख्यमंत्री वसुंधराराजे द्वारा यह गतिविधियां विकसित करने के दिए निर्देशों के तहत पर्यटन विकास की संभावनाओं पर बात हुई।
चमकेगा बाघदड़ा नेचर पार्क
झामरकोटड़ा रोड स्थित मगरमच्छों के बाघदड़ा नेचर पार्क को भी विकसित किया जाएगा। इसका समग्र प्लान बन रहा है। इस ओर टूरिस्ट को आकर्षित करने के नए और काम होंगे। जबकि चावंड में महराणा प्रताप के जीवन दर्शन को प्रदर्शित करने वाले स्ट्रक्चर, कार्य, म्यूजियम आदि के पुराने प्रस्तावों को पूरा करने पर विचार चल रहा है।
फतह मेमोरियल में सेन्टर
सूरजपोल स्थित फतह मेमोरियल में टूरिस्ट इंटर्रपे्रटेशन सेन्टर बनाया जाएगा। जहां सैलानी शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थल, पर्यटन केन्द्रों के विजुअल तकनीक से देख सकेंगे। इस पर साठ लाख रूपए व्यय होंगे। इसके अलावा हैरिटेज टूरिज्म पर भी जोर दिया जा रहा है।
ये होंगे आकर्षण
वाटर स्पोट्र्स, हॉट एयर बैलूनिंग, पैरासिलिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, जिप-लाइन, रेपलिंग, आउटडोर कैंपिंग, माउंटेन बाइकिंग, इको टूरिज्म के तहत फोरेस्ट ट्रेवल्स, उदयपुर शहर के आसपास जंगलों में विकसित किए जाएंगे। शहर में फतहसागर, पिछोला सहित बड़ी तालाब , जयसमंद में बोटिंग और वाटर स्पोट्र्स टूरिज्म की संभावनाओं पर काम होगा। बड़ी तालाब, जिले में झाड़ोल, कोटड़ा, फुलवारी की नाल, पानरवा के जंगल क्षेत्र में इको टूरिज्म के काम शुरू होंगे।
देखे विरासत संरक्षण के काम
नगर निगम की मेयर रजनी डांगी व समिति अध्यक्ष गुरूवार को कवरपंदा स्कूल व नानीगली में चल रहे विरासत संरक्षण के काम देखने गए। वहां नगर निगम की ओर से कराए जा रहे कार्य को लेकर प्रगति जानी। निगम ने वहां 45 लाख रूपए विरासत संरक्षण के लिए स्वीकृति किए है। कवरपंदा स्कूल में बारीकी के साथ काम कर पुराने पत्थरों में से पुरानी कलाकृतियां निकाली जा रही है, वहां पहले सीमेंट का मसाला लगा दिया गया था। इस दौरान समिति अध्यक्ष प्रेमसिंह शक्तावत, के.के. कुमावत, भंवर सिंह देवड़ा, क्षेत्रीय पार्षद कल्पना भटनागर आदि उपस्थित थी।