उदयपुर। जन कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ अब राज्य सरकार ने पशुओं के लिए भी खजाना खोल दिया है। पशुओं का इलाज उनके ही गांव-कस्बे में सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री वेटनरी मोबाइल यूनिट की रविवार से शुरुआत की गई, जिसके तहत जिले की 13 तहसीलों के लिए अलग-अलग वाहनों की व्यवस्था की गई है। इसमें चलते-फिरते पशु चिकित्सालय की सारी सुविधाएं मौजूद है। रविवार को जिला परिषद् से 10 गाडिय़ों को सांसद रघुवीर मीणा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। तीन गाडिय़ा व्यवस्था होने के बाद भेजी जाएगी।
किराए पर गाडिय़ां: जिले की 13 तहसीलों के लिए अगल-अलग वाहनों का इंतजाम किया गया है। इन वाहनों को मार्च तक विभाग ने किराए पर लिया है। प्रतिमाह 21 हजार रुपए पर प्रति वाहन किराये पर लिया गया है। 10 वाहनों के टेंडर हो गए हैं। तीन वाहनों को भेजना बाकी है, जो अगले दो-तीन दिनों के भीतर व्यवस्था कर भेज दिए जाएंगे। पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर महेश कपिला ने बताया कि हर वाहन में एक डॉक्टर, एक कंपाउंडर और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहेगा तथा पशुओं के इलाज की पूरी व्यवस्था रहेगी। कपिला ने बताया कि अभी स्टॉफ की लोकल लेवल पर व्यवस्था की गई है। बहुत जल्दी नई भर्ती की जाएगी।
क्या क्या होंगी व्यवस्था: मोबाइल वेटनरी यूनिट में पशुओं का मौके पर रोग निदान हो सकेगा। कृमी नाशक दवा पिलाना और छिड़काव करना भी मौके पर किया जा सकेगा। कृत्रिम गर्भ धारण के लिए भी मोबाइल वेन वहां पहुंच जाएगी। गर्भ धारण की जांच भी हो सकेगी। यदि किसी पशुपालक को रास्ते में ही जरूरत हुई, तो वे वहां भी पहुंच जाएगी। कपिला ने बताया की सरकार का इसके जरिये मुख्य उद्देश्य यहीं है कि पशुधन को बढ़ावा मिले और पशुपालकों को आर्थिक लाभ हो सके। नस्ल सुधार के साथ-विभिन्न योजनाओं का लाभ भी पशु पालक तक पहुंच सके।