वेदान्ता गर्ल्स कॉलेज रिंग्स कर रहा है 3000 ग्रामीण लड़कियों का सपना साकार

Date:

3
उदयपुर । सुगना सालवी अपने माता-पिता एवं दो छोटे भाइयों के साथ राजसंमद के पीपावास गांव में रहती है। सुगना के पिता भगवान लाल सालवी बड़ी मुष्किल से लगभग 4000 रुपये महीने के कमाते हैं। सुगना पढ़ाई में निपुण थी उसने 12वीं कक्षा पी.सी.बी. में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की तथा वह आगे पढ़ाई करना चाहती थी। लेकिन उसके पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण आगे पढ़ाई जारी रखना सोचनीय हो गया।
वेदान्ता की हिन्दुस्तान जिंक को सुगना के बारे में जानकारी मिली। हिन्दुस्तान जिंक के अधिकारी सुगना के परिवार वालों से मिले जो सुगना को पढ़ाई के लिए बाहर नहीं भेजना चाहते थे। लेकिन हिन्दुस्तान जिंक की टीम ने सुगना के परिवार वालों को वेदान्ता पी.जी. गर्ल्स कॉलेज रिग्स, सीकर के बारे में बताया।
वेदान्ता पी.जी. गर्ल्स कॉलेज रिग्स, सीकर, ग्रामीण व आदिवासी लड़कियों की उच्च षिक्षा के लिए बनाया गया है। साथ ही हिन्दुस्तान जिंक ने उनकों उच्च षिक्षा प्राप्त करने के लिए तथा उससे होने वाले लाभ की जानकारी दी।
सुगना बी.एस.सी. द्वितीय वर्ष प्रथम श्रेणी में पास कर चुकी है तथा इस वर्ष बी.एस.सी. फाइनल ईयर में अध्ययन कर रही है। वेदान्ता पी.जी. कॉलेज में सुगना के जैसी कई लड़कियां उच्च षिक्षा के लिए पढ़ाई कर रही है।
ललीता खाती भीलवाड़ा जिले की हुरड़ा तहसील के खतीपुरा गांव की रहने वाली एक छोटे किसान की पु़त्री है उसके पिताजी सात सदस्यों के परिवार में अकेल कमाने वाले है। ललिता को पता है कि उसके परिवार की आय के साधन सीमित है। आय के सीमित साधन होने के कारण परिवार का गुजारा मुष्किल से चलता है। लेकिन ललिता को पता था कि वेदान्ता की कंपनी हिन्ुदस्तान जिंक गांव की लड़कियों को उच्च षिक्षा के लिए सहायता कर रही है। ललिता ने 64 प्रतिषत अंको के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की और अब वेदान्ता पी.जी. गर्ल्स कॉलेज रिग्स, सीकर से बी.ए. में अध्ययन कर रही है।

इसी प्रकार रेष्मा मीना, गा्रम पंचायत सिंघटवाड़ा, जावर की अलग ही सोच थी। परिवार की आर्थिक स्थित अच्छी नहीं हाने के कारणवष उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने का विचार कर लिया था क्योंकि उनको दोस्त एवं रिष्तेदारों से वित्तीय सहायता का सहयोग नहीं था। लेकिन रेष्मा का बी.ए. के लिए वेदान्ता पी.जी. स्नातक गर्ल्स कॉलेज, रिंग्स के लिए सलेक्षन हो गया। परन्तु दुर्भाग्यवष उसकी मॉं ने गांव से स्कूल दूर होने के कारण उसको भेजने से मना कर दिया। तभी हिन्दुस्तान जिं़क के अधिकारी लगातार उसकी मॉं से बातचीत करते रहे और बच्ची को आगे पढ़ाई के लिए प्रेरित करते रहे। अंत में वह एक शर्त पर तैयार हुयी, शर्त थी कि वह अपने विष्वास के लिए वेदान्ता कॉलेज को स्वयं देखेगी। उन्होंने कॉलेज देखी और वह बच्ची को भेजने के लिए सहमत हो गयी।
हिन्दुस्तान जिं़क के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेषन पवन कौषिक ने बताया कि ग्रामीण लड़कियों के लिए षिक्षा बहुत ज़रूरी है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से प्राथमिक स्कूलों एवं कॉलेजों में लड़कियों की संख्या बहुत ही कम है जो एक चिंता का विषय है। जल्दी विवाह, दूर-दराज स्कूल, घर के कार्य, यातायात के साधनों का अभाव, सुरक्षा का अभाव, महिला अध्यापिकाओं की कमी, गरीबी तथा अनेकों कारण से लड़कियों की षिक्षा में रूकावट आती जा रही है। यह सत्य है कि एक षिक्षित लड़की एवं महिला पूरे परिवार को साक्षर बना सकती है।श्
षिक्षा के अतिरिक्त, यह लड़कियां चित्रकारी कलाओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्षन कर रही हैं। अभी हाल ही में एक प्रदर्षनी का आयोजन किया जिसका उद्घाटन वेदान्ता फाउण्डेषन के संस्थापक श्री द्धारका प्रसाद अग्रवाल (बाबूजी) ने किया है।
हिन्दुस्तान जिं़क के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेषन पवन कौषिक ने बताया कि ग्रामीण बच्चों के लिए, विषेषतः बालिकाओं का षिक्षत होना बहुत ज़रूरी है। हमारा प्रयास रहा है कि हम उन विषयों पर जोर दे सकें जिनका अभाव विद्यार्थी किसी कारणवष ग्रामीण स्कूलों में अुनभव प्राप्त नहीं कर रहे हैं। हमें खुषी हैं कि हम राजस्थान सरकार के साथ मिलकर गांवों में षिक्षा को मजबूत करने की दिषा में महत्वूपर्ण कार्य कर रहे हैं।’’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Enjoy discreet and safe hookups in miami

Enjoy discreet and safe hookups in miamiEnjoy discreet and...

Experience the excitement of gay hookups with local men

Experience the excitement of gay hookups with local menLooking...

Discover your perfect match on our safe platform

Discover your perfect match on our safe platformOur platform...

Find real love with older chinese women

Find real love with older chinese womenFinding real love...