व्यापारियों के विरोध के बीच कमिश्नर ने भारी लवाजमे के साथ पहुंचकर की कार्रवाई, बाजार में संचालित ११४ दुकानों पर नोटिस चस्पा
उदयपुर। पिछले दो साल से भड़भूजा घाटी पर संचालित वरुण बाजार को आज नगर निगम के अधिकारियों ने अवैध मानते हुए सीज कर दिया। मौके पर नगर निगम आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग भारी लवाजमें के साथ पहुंचे, जिन्होंने वरुण बाजार में बनी ११४ दुकानों के शटर पर नोटिस चस्पा करने की कार्रवाई पूरी की। इस दौरान व्यापारियों ने भारी विरोध दर्ज कराया। व्यापारियों का आरोप है कि उक्त कार्रवाई राजनीतिक द्वेषता से प्रेरित है। शहर में आधी से अधिक दुकानें आवासीय भूखंडों पर बनी है, जिनको बाद में शास्ती वसूल करके वाणिज्यिक किया गया, लेकिन उक्त कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण है। इस दौरान एक व्यक्ति ने नग्न होकर प्रदर्शन भी किया, जिसे जाब्ते ने वहां से दूर कर दिया।
भड़भूजा घाटी पर स्थित वरुण बाजार में ११४ दुकानें हैं, जो खत्री समाज के नोहरे पर बना हुआ है। इस बाजार का निर्माण करीब सात वर्ष पूर्व शुरू हुआ, जो दो वर्ष पहले पूर्ण हुआ था। इसके बाद से यहां पर दुकानें संचालित है, लेकिन आज नगर निगम की अचानक हुई कार्रवाई ने व्यापारियों को सकते में डाल दिया है। व्यापारियों का कहना है कि उक्त दुकानें ९९ साल की लीज पर ली गई है, जिनकी रजिस्ट्रियां भी हो चुकी है। वरुण बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुकेश जैन ने बताया है कि आज सुबह नगर निगम ने अचानक कार्रवाई की। इससे पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया गया। ये कार्रवाई राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है। शहर में आधी से अधिक दुकानें आवासीय भूखंडों पर बनी, जिनको बाद में वाणिज्यिक किया गया है। इससे व्यापारियों का भारी नुकसान हो रहा है। अगर यह कार्रवाई राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित नहीं है, तो पिछले सात सालों में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। शहर में कई अवैध कॉम्पलैक्स खड़े हैं, जिनके खिलाफ भी कार्रवाई क्यों नहीं की जाती?
वर्जन…
कुछ समय पूर्व मेरे पास वरुण बाजार को लेकर शिकायत आई थी, जिसकी जांच करवाई गई। जांच में पाया गया कि उक्त बाजार अवैध है। इसलिए कार्रवाई की गई। मेरे से पहले इस बाजार के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई। ये मुझे नहीं पता।
-चंद्रसिंह कोठारी, महापौर
मेरे समय में भी वरुण बाजार के खिलाफ शिकायत आई थी, जिसकी जांच करवाई गई। उस समय मैंने भी अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई क्यों नहीं की। ये मैं नहीं बता सकती। आप चाहे, तो इसके संबंध में निगम में दस्तावेज देख सकते हैं।
-रजनी डांगी, पूर्व महापौर