उदयपुर। मनवाखेड़ा में विवादित भूखण्ड के मामले में न्यायालय के आदेश के बावजूद पट्टा जारी नहीं करने पर सिविल न्यायालय ने यूआईटी सचिव की गाड़ी व कुर्सी के कुर्की के आदेश दिए। सेक्टर-4 निवासी हरिसिंह पुत्र ओंकारलाल रांका बनाम यूआईटी के वाद पर 18 मार्च 2011 को न्यायालय ने आदेश जारी कर दो माह में विवादित भूखण्ड का पट्टा जारी करने के आदेश दिए थे। परिवादी का कहना है कि विवादित भूखण्ड की 90-बी भू-रूपातंरण की कार्रवाई के बाद उसने नियमानुसार राशि जमा करवाकर आवंटन पत्र प्राप्त किया था लेकिन उसके नाम से पट्टा जारी नहीं किया था।
न्यायालय के पट्टा जारी करने के आदेश के बावजूद यूआईटी ने ध्यान नहीं दिया तो परिवादी ने प्रार्थना पत्र पेश किया। यूआईटी ने डिक्री रोकने के लिए दो अलग-अलग प्रार्थना पत्र पेश किए। यूआईटी ने प्रार्थना पत्र में कहा कि न्यायालय की ओर से पारित निर्णय के विरूद्ध हाईकोर्ट में अपील पेश की गई जो कि लम्बित है व विवादित सम्पत्ति बाबत् रेवन्यू बोर्ड अजमेर में भी प्रकरण विचाराधीन है। इस कारण स्थगित की जावें।
अदालत ने खारिज किए प्रार्थना पत्र
न्यायालय सिविल न्यायाधीश (क ख) शहर उत्तर की पीठासीन अधिकारी ने सुनवाई के बाद कहा कि हाईकोर्ट की ओर से कार्रवाई स्थगित की गई हो या रेवेन्यू बोर्ड अजमेर में प्रकरण लम्बित हो, ऎसे कोई दस्तावेज प्रार्थना पत्र के समर्थन में पेश नहीं किए गए है।
यह प्रकरण 5 मई 2012 से लम्बित है जिसमें यूआईटी की हाजिरी 21 फरवरी 2014 को हुई। यूआईटी को जारी तहरीर तामिल हुई लेकिन आज दिनांक तक भी कोई स्थगन आदेश प्रस्तुत नहीं हुआ। न्यायालय ने यूआईटी की ओर से पेश दोनों प्रार्थना पत्र अस्वीकार कर कुर्की वारंट जारी किया।