झूठ बोलते हैं यूआईटी सचिव!

Date:

images (2)उदयपुर। राज्य सरकार की योजना प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत बने साइट प्लान को बिना देखे ही यूआईटी सचिव ने उसकी दोबारा जांच के आदेश देकर लोगों के करोड़ों रुपयों को अटका दिया है। यूआईटी सचिव ने एक अखबार में दिए बयान में कहा है कि साइट प्लान में खामियां है, जबकि प्लान बनाने वाले कंसल्टेंट का कहना है कि फिल्म देखें बिना ही उसकी समीक्षा कैसे कर सकते हैं? जबकि साइट प्लान बनने के बाद ही लोगों ने पैसे जमा करवाएं और आवंटन पत्र भी वितरित कर दिए गए। अब पट्टे देने है, इसलिए अधिकारी अपना मुंह मोड़ रहे हैं।

यूआईटी की ओर से साइट प्लान बनाने के लिए तीन कंसल्टेंट नियुक्त किए गए थे। सभी ने साइट प्लान बना दिया था। बाद में पटवारियों ने जांच कर दस्तखत भी कर दिए। इसी आधार पर मूल नक्शा यूआईटी ने रखा और एक कॉपी आवेदक को दे दी। इस आधार पर आवेदक ने पैसे भी जमा कर दिए। अब जब लोग अपने पट्टे लेने के लिए यूआईटी के चक्कर काट रहे हैं, तो अचानक सचिव ने कह दिया कि प्लान में खामियां है। अगर यूआईटी के पटवारियों ने ही पहले पूरी जांच कर दस्तखत किए हैं, तो खामी कैसे सम्भव है।

कंसल्टेंट को फंसाने की साजिश : कंसल्टेंटों ने बताया कि कि लोगों ने पैसे जमा करा दिए है। साइट प्लान तैयार होने के बाद ही विभाग की ओर से यह कार्रवाई होती है। लेकिन सचिव आर.पी शर्मा ने फाइलें देखे बिना ही दुबारा जांच के आदेश दे दिए है। हमसे फाइलें ही नहीं ली गई हैं। बेवजह कंसल्टेंट का फंसाने का मामला है।

अभियान को फेल करने की साजिश : राज्य सरकार ने प्रदेश में हर जगह पट्टा विहीन जनता को पट्टे देने के लिए लम्बे समय से अभियान चला रखा है, लेकिन उदयपुर नगर विकास प्रन्यास में बैठे अधिकारी नहीं चाहते है कि जनता को सरकारी योजना का फायदा मिले।

इन कॉलोनियों पर लटकी तलवार : गांधीनगर, गांधी काम्प्लेक्स, गरीब नवाज कॉलोनी, प्रताप कॉलोनी, आयड़ स्थित सोनीजी की बाड़ी, स्वामीनगर, न्यू स्वामी नगर, संतोष नगर, जनकपुरी आदि सैंकड़ों कॉलोनियों की फाइलों पर यूआईटी दुबारा से मेहनत करेगी।

जनता का करोड़ों रूपया अटका : प्रशासन शहरों के संग अभियान समाप्ति की ओर है। ऐसे में यूआईटी दुबारा इन फाइलों की जांच करवाती है, तो कम से कम छह माह से ज्यादा समय लग जाएगा और फिर आचार संहिता लग जाएगी। पट्टाविहीन जनता को फिर अगली सरकार तक इंतजार करना पड़ेगा।

ऐसे में लोगों द्वारा जमा कराया गया करोड़ों रुपया यूआईटी के खाते में ही रहेगा।

 

>सरकार की मंशा साफ है। पूरे प्रदेश में जनता को इसका फायदा मिल रहा है। अगर उदयपुर में अधिकारी बिना वजह इसे रोक रहे हैं, तो गलत है। सभी को पट्टे देने चाहिए।

-लालसिंह झाला, देहात जिलाध्यक्ष कांग्रेस

>इस पूरे मामले में कुछ तथाकथित लोग है, जिनकी रचाई गई साजिश की वजह से ऐसा हो रहा है। अध्यक्ष खुद इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्हें चाहिए की इसकी जांच अपने स्तर पर करें। वह सिर्फ अधिकारियों के ऊपर निर्भर हो रहे हैं और अधिकारी फाइलें देखे बिना ही दुबारा जांच करवा रहे हैं। जिसका नुकसान जनता को उठाना पड़ रहा हैै। -नीलिमा सुखाडिय़ा, शहर जिलाध्यक्ष, कांग्रेस

>मैंने जब साइट प्लानरों से पूछा तो उन्होंने कहा कि अभी तक हमसे फाइल ली ही नहीं गई है, तो अधिकारी कैसे कह रहे हैं कि इनमें खामिया है। अगर यह फाइलें हमसे लेते तो रसीद भी काटकर देते तभी पता चलता कि प्लान में खामियां पाई गई है। ऐसे में यूआईटी अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर पर प्रश्नचिह्न लगता है।

 

-राजकुमारी मेनारिया, प्रभावित पार्षद

 

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Выгоды фриспинов в Пинко Казино для игроков

Как максимально выгодно использовать фриспины в Пинко Казино для...

Как выбрать идеальное место для игры и достичь успеха

Как выбрать идеальное место для игры и достичь успехаВыбор...

Лучшие платформы для ставок в Беларуси 2025 года

Лучшие платформы для ставок в Беларуси 2025 года2025 год...

Топ платформ для игры на деньги онлайн в 2025 году

Топ платформ для игры на деньги онлайн в 2025...