- उदयपुर के किसान ने पहाड़ी की पथरीली जमीन को खेती योग्य बनाया और 25 पौधों से नींबू उत्पादन की शुरुआत की। अच्छा उत्पादन मिला तो पहाड़ी को 3-4 राउंड में कटवाया। कटी हुई जगह पर 500 पौधे और लगाए। उत्पादन अधिक हुआ तो पौधे बढ़ाकर 1000 कर दिए।
- किसी पहाड़ पर खेती करना असंभव होता है, लेकिन इस नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है उदयपुर के एककिसान जोधसिंह ने।
उन्होंने एक ऐसी पहाड़ी को काटकर नींबू की खेती शुरू की, जहां मवेशी भी नहीं चढ़ सकते थे। शुरुआती सफलता से उत्साहित जोधसिंह आज यहां 1000 पौधों से सालाना 12 लाख रुपए की आय अर्जित कर रहे हैं।
- अब उनका प्रयास यहां आम उत्पादन करने का है। उदयपुर शहर से 50 किलोमीटर दूर गिर्वा तहसील के मायदा गांव के इस किसान को जल ग्रहण विभाग में बतौर मजदूर कार्य करने के दौरान कागजी किस्म के नींबू उपजाने के बारे में जानकारी मिली।
- उन्होंने पहाड़ी की पथरीली जमीन को खेती योग्य बनाया और 25 पौधों से नींबू उत्पादन की शुरुआत की। अच्छा उत्पादन मिला तो पहाड़ी को 3-4 राउंड में कटवाया। कटी हुई जगह पर 500 पौधे और लगाए। उत्पादन अधिक हुआ तो पौधे बढ़ाकर 1000 कर दिए।
दो तरह से तैयार होती है कागजी नींबू की फसल
कृषि पर्यवेक्षक राकेश गौड़ ने बताया कि नींबू की इस किस्म को तैयार करने के लिए दो विधियां हैं। एक तो बीज और दूसरी बूटी के माध्यम से। बीज विधि में नींबू से निकले बीज को नर्सरी में डालते हैं। 3-4 इंच का पौधा होने के बाद पॉलीथिन में लेकर 1.5 फीट ऊंचा होने का इंतजार करते हैं। इसके बाद खेतों में ले जाया जाता है।
इस तरह के पौधों की उम्र 40 वर्ष होती है। बूटी प्रणाली में नींबू पौधे की एक साल पुरानी टहनी पर आधा इंच रिंग के आकार में छाल को निकालते हैं। उस जगह घास को गीला कर प्लास्टिक से बांध देते हैं। एक माह बाद इसमें से जड़ें निकलने लगती हैं, जिसके बाद खेतों में इसे रोप देते हैं।
प्रति पौधा सालाना 1200 रुपए की आय
उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्होंने 50 पौधों से 50-60 हजार रुपए की आय प्राप्त की, जबकि पौधे ज्यादा बढ़े भी नहीं थे। इस तरह एक पौधे से 1000 से 1200 रुपए सालाना आय हुई। अब उन्हें 1000 पौधों से सालाना लगभग 12 लाख रुपए की आमदनी होने की उम्मीद है।
उदयपुर के इस किसान ने खोदा पहाड़, उगाए नींबू
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