उदयपुर/पाणुंद.सलूम्बर तहसील के उथरदा गांव में सोमवार शाम को घर की खिड़की खोलते ही 11 केवी बिजली की लाइन से घर में दौड़े करंट से एक बालक सहित चार जने झुलस गए, जिन्हें पीएचसी उथरदा ले गए। यहां चिकित्सकों के नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया और बाद में बिजली निगम की लापरवाही पर पावर हाउस पर पहुंच प्रदर्शन किया।
1 को बचाने में गई सभी की जान
उथरदा निवासी शांतिलाल सोनी के मकान की पहली मंजिल पर भांजे मेनार निवासी भावेश 12 पुत्र हीरालाल सोनी ने जैसे ही खिड़की खोली, उसे बिजली लाइन से करंट लग गया। चीख सुनकर दिनेश (40) पुत्र मांगीलाल सोनी, राकेश (25) पुत्र शांतिलाल सोनी, हितेश (22) पुत्र शांतिलाल सोनी और हेमा (20) पुत्री शांतिलाल सोनी भी भावेश को छुड़वाने के प्रयास में करंट की चपेट में आ गए। सभी करंट से झुलस गए।
इनकी हालत गंभीर बनी है
सभी को तुरन्त उथरदा पीएचसी पहुंचाया गया। यहां मौजूद नर्सिंगकर्मी ने प्राथमिक उपचार कर उदयपुर रेफर कर दिया। सभी का एमबी अस्पताल में उपचार चल रहा है। भावेश व हितेश की हालत गंभीर बताई गई है। घटना के बाद पांचों घायलों को उथरदा पीएचसी ले गए लेकिन वहां कार्यरत दोनों चिकित्सक डॉ. लोकेश व डॉ. प्रमीला दोनों नदारद थे। इस पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए और हंगामा कर दिया।
रेगुलर नहीं आते हैं डॉक्टर
गेट के बाहर प्रदर्शन कर उच्चाधिकारियों को सूचना दी। ग्रामीणों ने बताया कि ये चिकित्सक सप्ताह में एक-दो बार ही बारी-बारी से आते हैं। पूर्व में भी सलूम्बर विधायक अमृत लाल मीणा ने आकस्मिक निरीक्षण किया था, तब भी दोनों नदारद थे। सूचना पर सरपंच नारायण लाल मीणा मौके पर पहुंचे और उपस्थिति रजिस्टर देखा, जिसमें दोनों चिकित्सक के सुबह के कॉलम में साइन कर रखे थे।
बारिश की सीलन से करंट दौड़ा
ग्रामीणों ने बताया कि उथरदा में लाखड़श्याम मंदिर से गांव में बिजली लाइन जा रही है। बिजली लाइन खिड़की से छूते पूरे घर में करंट दौड़ गया। बारिश की वजह से मकान में सीलन आई हुई थी। सूचना मिलते ही बिजली लाइन बंद करवा दी गई।
ग्रामीण पहुंचे पावर हाउस, किया प्रदर्शन
बिजली निगम की लापरवाही को लेकर ग्रामीण पावर हाउस पहुंचे और प्रदर्शन किया। सलूम्बर बिजली निगम के अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग पर देर शाम तक ग्रामीण अडे़ रहे। रात पौने आठ बजे जेईएन गजेंद्र कलाल मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता कर उचित मुआवजा व कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद लोग शांत हुए।