उदयपुर.कैचमेंट में अच्छी बारिश से इस मानसून में जयसमंद झील की तस्वीर भी बदली बदली नजर आने लगी है। 27.5 पूर्ण भराव क्षमता वाली इस झील को ओवरफ्लो होने के लिए अब करीब छह फीट पानी की और जरूरत है। नदियों से पानी की आवक बनी हुई है। सोमवार शाम को इसका जलस्तर 22 फीट हो गया।
इसलिए बढ़ रहा है वाटर लेवल
इधर पीछोला और फतहसागर सहित जिले के कई जलाशयों में पानी की आवक बनी हुई है। इस साल मानसून का दौर शुरू होने से पहले जयसमंद का जलस्तर सिर्फ सवा तीन फीट था। कैचमेंट में धीरे धीरे पानी की आवक बनी रहने से जलस्तर भी बढ़ता गया। रविवार को कैचमेंट में जाेरदार बारिश से 11 घंटे में ही पांच फीट पानी की आवक होने से इसकी तस्वीर ही बदल गई। सोमवार शाम को इसका जलस्तर 22 फीट हो गया। कैचमेंट से आवक बनी रहने से सोमवार सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक जयसमंद झील में करीब पाैन पानी की आवक हो गई।
सोमवार को नहीं थमी बारिश
आवक को देखते हुए इस मानसून में जयसमंद के लबालब होकर ओवरफ्लो होने की उम्मीदें भी बढ़ती जा रही है। इधर शहर और जिले में साेमवार को रुक रुक कर बारिश का दौर बना रहा। सुबह आठ बजे समाप्त हुए 24 घंटे में जिले में झाड़ोल में सर्वाधिक 170 मिलीमीटर बारिश हुई। जबकि सलूंबर 76, वल्लभनगर 62, बागोलिया 48, गोगुंदा 70, ओगणा 168, ऋषभदेव 70, कोटड़ा 60, खेरवाड़ा 93,बावलवाड़ा 94 और सेमारी में 62 मिमी बारिश हुई।
मानसून से पहले 30 फीट पूर्ण भराव क्षमता वाली राजसमंद झील का जलस्तर सिल लेवल के नीचे था। कैचमेंट में बारिश से धीरे धीरे आवक शुरू होने से सोमवार को इसका जलस्तर सवा तीन फीट के ऊपर पहुंच गया। राजसमंद झील में पानी की आवक बनी हुई है। हालांकि इसको लबालब देखने के लिए अभी लोगों को काफी इंतजार करना पड़ेगा। इधर नंद समंद में आवक बनी रहने से सोमवार को भी इसके गेट खुले रखे गए है। बाघेरी का नाका पर भी चादर चलने का क्रम बना हुआ है।
जयसमंद में दो दिन में आया दो साल का पानी
रविवार और सोमवार को कैचमेंट एरिया में मूसलाधार बारिश से जयसमंद झील में दो दिन में करीब साढे़ आठ फीट पानी की आवक हुई है। जल संसाधन विभाग के अनुसार इस पानी से उदयपुर, सलूंबर, सराड़ा व मेवल क्षेत्र में दो साल तक पेयजल उपलब्ध कराया जा सकता है। सिर्फ उदयपुर में चौबीस घंटे में दो करोड़ 64 लाख लीटर पानी सप्लाई होता है। झील की कुल भराव क्षमता 27.5 फीट है और शाम साढ़े सात बजे तक करीब 22 फीट गेज हो गया है। सलूंबर एक्सईएन ऋषभ जैन ने बताया कि जयसमंद झील 1973 और 2006 में ओवरफ्लो हुई थी। अब दस वर्ष बाद ओवरफ्लो होने की संभावना है। अबर झील में इसी तरह आवक जारी रही तो तीन दिन में ओवरफ्लो होने की संभावना है।
एशिया की दूसरी बड़ी झील
एशिया में मीठे पानी की कृत्रिम दूसरी बड़ी झील जयसमंद झील का निर्माण महाराणा जयसिंह ने 1685 से 1691 के बीच करवाया था। कहा जाता है कि इसमें नौ नदियां और 99वें नालों का पानी समाहित होता है।