– कई बस्तियां जलमग्न, अखबार व दूध भी घरों तक नहीं पहुंचा
उदयपुर/चित्तौडग़ढ़/भीलवाड़ा। संभाग के चित्तौडग़ढ़ व भीलवाड़ा जिले में लगातार बारिश से बाढ़ के हालात बन गए हैं। चित्तौड़ में गंभीरी नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। कई झोंपडिय़ां व कच्चे मकान पानी में डूब गए हैं। तेज बारिश के चलते कई स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा कर दी गई। जलमग्न बस्तियों में आज सुबह ना ही अखबार पहुंचे और ना ही दूध की सप्लाई हो पाई है। प्रशासन मुस्तैदी से बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए जुटा है। वहीं भीलवाड़ा के मांडलगढ़-बिजौलिया में रावड़दा बांध फूटने से त्रिवेणी चौराहा टापू में बदल गया है। हालात से निपटने के लिए सरकार ने हेलीकॉप्टर से सहायता भिजवाई है।
चित्तौडग़ढ़ जिले में रात करीब 2.30 बजे तेज मूसलाधार बारिश के बाद सुबह 5.30 बजे से शुरू हुई झमाझम बारिश का दौर जारी है। बीते 24 घंटों में चित्तौडग़ढ़ जिले में 229 मिमी (नौ इंच से अधिक) बारिश रिकॉर्ड की गई है। जिले में लगातार बारिश से बाढ़ के हालात हो गए हैंं। कई बस्तियां जलमग्न हो गई। भीलों की झोंपडिय़ां में कई कच्चे मकान पानी में डूब गए। मधुबन इलाके में भी घरों के बाहर घुटनों तक पानी जमा होने से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। कई मुख्य चौराहे टापूओं में तब्दील हो गए हैं। चित्तौडग़ढ़ के रेलवे स्टेशन, प्रतापनगर, गोल प्याऊ, मधुवन, सेंथी चौराहा सहित चंदेरिया में बना अंडरब्रिज पूरी तरह से पानी में डूब गया है। पानी के बहाव के चलते गांधीनगर स्थित एक स्कूल व आकाशवाणी रोड पर वन विभाग की दीवार ढह गई, जिससे इस बस्ती में कई घरों में पानी घुस गया और हालत बदतर बने हुए हैं। शहर के बीच बह रही गंभीरी नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है, जिससे जिले में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। बरसात से उत्पन्न विकट परिस्थिति में सहायता के लिए जिला कलेक्ट्रेट चित्तौडग़ढ़ स्थित कंट्रोल रूम 1077 एवं 01472-240945 पर सूचित किया जा सकता है।
भीलवाड़ा जिले में लाडपुरा के निकट श्यामगढ़-टहला मार्ग पर मंदिर में रात को कुछ सत्संग कर रहे थे। देर रात वह निकट ही बनी धर्मशाला की छत पर सो गए। इस दौरान रात में मेनाली नदी के उफान पर आ गई। सुबह उठे तो आधी धर्मशाला डूबी हुई थी। उधर, लगातार नदी में पानी बढ़ता जा रहा था। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आ गए। जला प्रशासन के जयपुर उच्चाधिकारियों से वार्र्ता के बाद सोमवार दोपहर करीब 12.45 बजे हेलिकॉप्टर ने वहां पहुंच चारों को बाहर निकाला। उन्हें इसके बाद स्वास्थ्य जांच के लिए एम्बुलेंस से माण्डलगढ़ चिकित्सालय पहुंचाया गया। मांडलगढ़ के पास त्रिवेणी पुलिया पर तीन-तीन फीट पानी बह रहा है, जिससे भीलवाड़ा-कोटा मार्ग अवरूद्ध हो गया है। बेड़च, बनास और मेनाली नदियों की पुलियाओं तक पानी बह रहा है। गांवों के सभी मार्गों पर भी आवागमन ठप है। मांडलगढ़-बिजौलिया क्षेत्र में बाढ़ आ गई है। रावड़दा बांध फूटने से त्रिवेणी और तिलस्वां क्षेत्र क दुकानें पूरी तरह जलमग्न हो गई है। त्रिवेणी चौराहों और कई गांव जलमग्न्र होकर टापूओं में बदल गए हंै। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों स्थिति का जायजा लेने मौके पर पहुंचे हैं।
फतहसागर छह फीट खाली : उदयपुर में देर रात करीब 12 बजकर 42 मिनट पर शुरू हुआ बारिश का दौर दोपहर 12 बजे तक जारी रहा। फतहसागर का जलस्तर सात फीट पार हो गया है। अब यह छह फीट खाली है। इधर, पीछोला में सीसारमा नदी से लगातार आवक को देखते हुए इसका जलस्तर सात फीट चार इंच होने के बाद इसका पानी लिंक नहर से फतहसागर में छोड़ दिया गया है। सीसारमा नदी आज सुबह दो फीट दो इंच व चिकलवास फीडर एक फीट छह इंच के वेग से बह रही है।
संभाग तरबतर : बारिश से पूरा संभाग तरबतर है। बांसवाड़ा जिले का माही डेम भी अब एक मीटर खाली रह गया है। भीलवाड़ा जिले के जैतपुरा 117, हमेरगढ़ 187 मिमी, गंगापुर में 52 मिमी, गुलाबपुरा 51, अरवर डेम 45, कोठारी 95 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। उदयपुर शहर में आज सुबह तक 23.8 मिमी वर्षा हुई है।
चित्तौडग़ढ़: 229 मिमी
बस्सी डेम: 150 मिमी
ओराई : 159 मिमी
कपासन: 102 मिमी
गंगरार: 205 मिमी
राशमी: 148 मिमी
बेंगू: 191 मिमी