सर्दी से बचने के लिए कमरे में रखी थी सिगड़ी, धुएं से घुटा दम
सुबह बच्चों को उठाने गए माता-पिता बच्चों को मृत देख हुए बेसुध
उदयपुर। शहर के अलीपुरा-कृष्णपुरा इलाके में बीती रात तीन सगे भाइयों की नींद में दम घुटने से मौत हो गई। इन बच्चों ने सर्दी से बचने के लिए कमरे में सिगड़ी रखी थी, जिससे धुंआ हुआ और बच्चे नींद में ही काल के ग्रास बन गए। आज सुबह माता-पिता जब इन बच्चों को उठाने गए, तो तीनों ही मृत मिले। इस घटना के बारे में सुनकर पूरे इलाके में मातम छा गया। सूचना पर गृह सेवक गुलाबचंद कटारिया, एसपी राजेंद्र प्रसाद गोयल भी मौके पर पहुंचे। श्री कटारिया ने मुख्य सेवक सहायता कोष से तीनों बच्चों के माता-पिता को ५०-५० हजार की सहायता राशि देने की घोषणा की।
सूत्रों के अनुसार कृष्णपुरा में घाटे वाली स्कूल के पास रहने वाले भंवरलाल गमेती के मकान में यह दु:खद घटना घटी। रात को खाना खाने के बाद भंवरलाल का बड़ा बेटा करण (१२), सचिन (१०) और गिरीश (छह) दूसरे कमरे में सोने के लिए चले गए। इस दौरान करण कमरे में जलती हुई सिगड़ी ले जा रहा था, तो उसके पिता ने उसे मना किया, लेकिन मंझले बेटे सचिन ने कहा कि उसे होमवर्क करना है और सोने से पहले सिगड़ी को वह कमरे से बाहर रख देगा। इस कमरे में रोशनदान भी नहीं था।
ये बच्चे सोने से पहले सिगड़ी को बाहर रखना भूल गए। आज सुबह भंवरलाल व उसकी पत्नी ममता बच्चों को उठाने के लिए उनके कमरे में गए तो वहां तीनों को मृत देखा और बच्चों के मुंह से झाग निकल रहे थे। इसके बाद भंवरलाल और उसकी पत्नी चिल्लाते हुए बेसुध हो गए।
मकान के बाहर लगी भीड़
इस दुखद घटना की जानकारी जैसे ही अलीपुरा और कृष्णपुरा इलाके में पहुंची, तो भंवरलाल के घर के बाहर भीड़ जमा हो गई। लोगों को पहले ऐसा लगा कि भंवरलाल के पिता दयाराम की मौत हो गई, क्योंकि कुछ समय पूर्व ही दयाराम को हार्टअटैक आया था, लेकिन जब लोगों को पता चला कि भंवरलाल के तीनों सगे बेटे काल के ग्रास हो गए, तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़े। सूचना मिलने पर एसपी राजेंद्र गोयल, डिप्टी गोपालसिंह और भूपालपुरा सीआई चांदमल सांगरिया मौके पर पहुंचे। तीनों शवों को एमबी हॉस्पीटल के मुर्दाघर में पहुंचाया गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए।