उदयपुर । लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी मंगलवार को उस समय भी बिखरी – बिखरी ही दिखी जब शहर कांग्रेस कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई। उदयपुर प्रभारी और प्रदेष महासचिव गिरिराज गर्ग की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेसियों ने खुलकर अपनी भड़ास निकाली। एक भी शख्स ऐसा नहीं था जिसने कांग्रेस को आगे बढाने की बात कही हो । सभी का आरोप था कि कुछ तथाकथित जो अभी भाजपा के एजेंट है उन्होने एक फफूंद की तरह काम करके पार्टी को खोखला कर दिया है। उन्हे निकाला जाना चाहिए। हालाकि तीन घण्टो तक चली हंगामेदार बैठक में कोई निष्कर्ष नही निकला क्योंकि प्रभारी ने ही कह दिया पार्टी कोई बनिए की दूकान नहीं जो किसी को भी रख ले और किसी को भी निकाल दे। अगर किसी ने अनुषासन हिनता की है तो सविंधान के तहत कार्रवाई होगी।
मेवाड़ कांग्रेस में एक बार फिर सीपी जोशी गुट के सक्रिय होने से पूरी पार्टी में मानो भुचाल आ गया है। धड़ों में बटे कार्यकर्ता बैठकें कर पार्टी की खूब फजीहत करा रहे है। पिछले सप्ताह से शुरू हुआ मिटिंगों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा और लगातार कार्यकर्ता एक दूसरे की बगावत कर रहे है। इस विवाद के उपर तक पंहूचने के बाद उदयपुर प्रभारी गिरिराज गर्ग की अध्यक्षता में दूर्गानर्सरी रोड़ पर बने अस्थाई कांग्रेस कार्यालय में एक बैठक आहूत की गई। जिसमें करीब तीन दर्जन असंतुश्ट कांग्रेसियों ने भाग लेकर अपने मन की खुलकर भडास निकाली । इस दौरान नए अध्यक्ष की दौड़ में लगे हुए गोपाल शर्मा ने अपने उद्बोधन में यह तक कह दिया कि सभी लोग कहते है पार्टी में भाई भतीजावाद हावी है। मैं इसलिए किसी पद पर नहीं हू कि मैं डॉ. गिरिजा व्यास का भाई हूं । मैं तीस वर्षों से पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता हूं और इसी की बदौलत आगे भी पद पर आऊंगा। इस दौरान प्रदेष महासचिव और उदयपुर प्रभारी गिरिराज गर्ग, प्रदेष सचिव गोपल शर्मा, वर्तमान अध्यक्ष और प्रदेष सचिव नीलिमा सुखाडिया मंचासीन रहे और संचालन दिनेश दवे ने किया।
बीजेपी के एजेंटो का हो निष्काशन हो :
बैठक के दौरान सभी ने एक स्वर में का कि पूर्व प्रदेष सचिव वीरेन्द्र वैश्णव, ब्लॉक अध्यक्ष मुजिब सिद्दीकी और पूरण मेनारिया पार्टी में एक फफूंद की तरह है जो लगातार उसे खोखला कर रही है और इन्होने पिछले चुनावों में बीजेपी के ऐजेन्ट का काम किया है। सभी ने एक स्वर में इन तीनों को पार्टी से निकालने की हिमायत की।
एशो आराम के शोकीन नेताओं से करो किनारा :
बैठक के दौरान कुछ कांग्रेसियों ने कहा कि उदयपुर में आने वाले पार्टी के बड़े स्तर के नेता बड़ी होटलों और लग्जरी गाड़ियों में घुमने के शोकीन है और जो लोग उन्हें महंगी कारों में घुमाते है तथा सितारा होटलों में ठहराते है वो नेता उन्ही के इशारों पर चलने लगते है। इसलिए ऐसे नेताओं की परवाह करना छोड़े । नेताओं को आम कार्यकर्ता के पास आना ही होगा कार्यकर्ताओं को अब उनके पास जाने की जरूरत नहीं।
नीलिमा ने चालिस सालों से मेरी बात नहीं मानी :
पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मोहन लाल सुखाड़िया के बेटे दिलीप सुखाड़िया ने अपने उद्बोधन के दौरान कहा कि मेरी धर्म पत्नी जब उदयपुर शहर की जिलाध्यक्ष बनी तो कुछ लोगों ने उनसे कहा कि अध्यक्ष को उनके कहने पर चलना पड़ेगा जो बेमानी सा लगा। मैं उन लोगों से कहना चाहूंगा कि नीलिमा ने 40 वर्शों में मेरी बात नहीं मानी तो उनकी बात क्या मानेगी।
क्यों हुआ हंगामा कांग्रेस में :
गौरतलब है कि ३० अक्टूबर को सीपी जोशी गुट ने उदियापोल स्थित भरत आमेटा की होटल में गुप्त बैठक आयोजित की थी जिसमे शहर और देहात जिलाध्यक्ष को हटा कर पूर्व विधायक कमान दयाराम के हाथों में कमान सौंपने पर जोर दिया था। बैठक का संयोजन वीरेंद्र वैष्णव ने किया था जिसमे पूर्व विधायक दयाराम प्रमाण सज्जन कटारा पुष्कर लाल डांगी झाड़ोल विधायक हीरालाल दरांगी, विवेक कटारा आदि मौजूद थे। बैठक के बाद शहर और देहात कांग्रेस में हड़कम्प मच गया था और वीरेंद्र वैषणव के खिलाफ गहलोत समर्थकों ने खुल कर मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस में आये अचानक इस भूचाल की भनक राष्ट्रीय महासचिव गुरुदास कामत तक पहुंच गयी और उन्होंने राष्ट्रीय सचिव इरशाद बैग मिर्जा प्रदेश सचिव गिरिराज गर्ग को उदयपुर की स्थिति संभालने के लिए भेजा है।
एआईसीसी को की थी शिकायत :
एआईसीसी के महासचिव गुरुदास कामत को जिलाध्यक्ष नीलिमा सुखाड़िया ने अखबारों की कटिंग के साथ वीरेंद्र वैषणव के लिए शिकायत पत्र भेजा था। हालांकि नीलिमा सुखाड़िया ने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का भी कहना था कि जिस तरह से कांग्रेस को एक और गुट में बांटा जारहा है, इसकी शिकायत जिलाध्यक्ष और प्रदेश महासचिव होने के नाते आपको एआईसीसी तक करनी चाहिए।