उदयपुर,गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि गृह मंत्रालय में उन्होंने बड़ी मुस्तैदी से काम किया है। राजस्थान में अगर क्राइम घटा है, तो इस समय पहली बार घटा है, लेकिन अकेला आनंदपाल इसे खाकर चला गया।
एक घटना क्या हुई, सब पर पानी फिर गया। मीडिया बार-बार पूछ रहा है- ‘क्या हुआ-क्या हुआ कैसे हुआ। अरे, मुझे भी दर्द है। क्या हम चाहते थे कि आनंदपाल भाग जाए, वह किसी बेगुनाह को मार दे। हम हमारी कोशिश करते हैं, लेकिन हमारी जो फोर्स है उसमें भी कमजोर लोग
होते हैं। कमजोर कड़ी का इलाज करेंगे, उसे सजा देंगे। आनंदपाल क्या घर में बैठा है जो पकड़ लाऊं , कोशिश तो कर रहा हूं। जादू का डंडा थोड़े है।’ कटारिया ने यह पीड़ा रविवार को शहर में कुछ उद्घाटन और अन्य कार्यक्रमों में अपने उद्बोधन में व्यक्त की।
उन्होंने यहां कृषि उपज मंडी समिति की बैठक में पत्रकारों से कहा कि आनंदपाल को कांग्रेस राज में पनपने का मौका मिला था। हमारी सरकार तो इस पर नियंत्रण का काम कर रही है। हालांकि अभी उसके भागने की जो घटना हुई, उसमें हमारे ही तंत्र में ही कुछ कमियां रही हैं। इनको दूर किया जाएगा।
जो हो गया वो हो गया
गृहमंत्री कटारिया ने मादड़ी में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा- ‘आनंदपाल की फरारी पर सारा पाप हम पर डालकर रोज पूछ रहे हो कि आनंदपाल, आनंदपाल। अरे, जो हो गया वो हो गया। आनंदपाल क्या घर में बैठा है जो पकड़ लाऊं , कोशिश तो कर रहा हूं। जादू का डंडा थोड़े है। हिन्दुस्तान में एेसा कौनसा माल है, जो बिकता नहीं है। तुम अकेले मेरे को ही क्यों दोष देते हो। हिन्दुस्तान में हर आदमी बिकाऊ माल की तरह बिक रहा है। इसलिए तो हिन्दुस्तान परेशान है। बाकी और परेशानी का कारण क्या हो सकता है। सब अपने कर्तव्य का पालन करे, तो ये बुरे दिन देखने को नहीं मिलें।’
फर्जी सर्टिफिकेट दिया तो करो गिरफ्तार
कटारिया ने कहा- जो भी फर्जी सर्टिफिकेट देकर प्रधान, प्रमुख या सरपंच बने हैं। उन सब को लाइन में लगा दिया है। मैंने यह भी कह कि बीजेपी हो या कांग्रेस अगर फर्जी सर्टिफिकेट लगाया है, तो गिरफ्तार करो। हमने इसलिए कानून थोड़े बदला है था फर्जी सर्टिफिकेट देकर यहां काम करो। हमने इसलिए बदला कि काम करने के लिए अच्छे पढ़े-लिखे बच्चे, नौजवान पीढ़ी आएगी।
जनता के काम होंगे। अगूंठा लगाकर कब तक देश के लोकतंत्र को चलाओंगे। कटारिया ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जिसने जनप्रतिनिधियों को शिक्षा के साथ जोड़कर अनिवार्य काम किया है। अब सब राज्य हमसे सीखकर कानून बना रहे हैं। सब पीछे-पीछे आ रहे और हमने तो यह पहले ही कर दिया।