गुडग़ांव हरियाणा में 15 साल के एक लड़के की धोखे से नसबंदी करा दी गई। दिहाड़ी मजदूर नासिर खान (बदला नाम) से कहा गया था कि उसे फ्री में टीका लगाया जाएगा।
नासिर ने बताया, वह पिछले सितंबर में अनीता नामक आशा वर्कर से मिला। उसने मुझे सिविल हॉस्पिटल में एक शिविर में निशुल्क टीका लगवाने की सलाह दी।
उसने कहा कि टीका लगाने की प्रक्रिया साधारण होगी। बस मुझे अपनी उम्र और शादी न होने की बात छिपानी होगी। मैंने उसकी बात मान ली।
मैंने डॉक्टर को बताया कि मेरी उम्र 26 साल है, मैं शादीशुदा हूं और मेरे दो बच्चे हैं। नासिर ने कहा कि इस दौरान मुझे कुछ शक हुआ लेकिन मुझे डॉक्टर से पूछने की हिम्मत नहीं हुई।
एक शख्स को नसबंदी के लिए ले आने पर आशा वर्कर्स को 250 रुपए मिलते हैं। वहीं नसबंदी कराने वाले को 1,000 रुपए।
हालांकि, नियमों के मुताबिक आशा वर्कर को मरीज की वैवाहिक स्थिति और उम्र कंफर्म करनी चाहिए। नासिर को ऑपरेशन के बाद 1,000 रुपये मिले यानी उसकी पांच दिन की सैलरी।
उसने बताया, मेरे पास पैसे नहीं हैं। मैं कभी स्कूल नहीं गया। आशा वर्कर ने मुझसे कहा कि पैसे कमाने का यह सबसे अच्छा जरिया है। बाद में एक प्राइवेट डॉक्टर ने मुझे बताया की मेरी नसबंदी कर दी गई है।