जयपुर। प्रदेश में टेक्नोक्रेट की कमी से जूझ रही बिजली कम्पनियों में 20 साल के लम्बे अन्तराल के बाद सहायक अभियंता (एईएन) पद पर भर्ती की तैयारी चल रही है।
सूत्रों के अनुसार अकेले राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम में 200 से अधिक पदों पर भर्ती होगी, वहीं दूसरी कम्पनियों में भी सीधे भर्ती के कोटे के खाली पदों की जानकारी खंगाली जा रही है।
पांच कम्पनियों में सीधी भर्ती के खाली पदों के हिसाब से जल्द ही विज्ञापन जारी होगा। उधर, सीधी भर्ती की कवायद की जानकारी मिलने के साथ ही अब विभागीय अभियंताओं में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। उनका कहना है कि 10 से 15 साल तक कम्पनियों में नौकरी के अनुभव को दरकिनार कर सीधे अभियंताओं की भर्ती गलत है।
दरअसल, बिजली कम्पनियों में सहायक अभियंता के खाली पदों को 75 फीसदी कनिष्ठ अभियंताओं को पदोन्नति देकर व 25 फीसदी खुली भर्ती से भरने का नियम है।
इस खुली भर्ती के 25 फीसदी पदों में भी एक तिहाई विभागीय अभियंताओं का कोटा तय है। विद्युत मण्डल के समय वर्ष 1994 में सहायक अभियंताओं की सीधी भर्ती हुई थी, जिसके बाद अब जाकर फिर से कवायद शुरू की गई है। इसके लिए उत्पादन निगम को नोडल बनाया गया है, जो पांच कम्पनियों से जानकारी लेकर खाली पदों के हिसाब से आवेदन आमंत्रित करेगा।