उदयपुर,वरिष्ठ चित्रकार प्रोफेसर सुरेश शर्मा तथा प्रोफेसर लक्ष्मीलाल वर्मा ने कहा है कि वर्तमान समय में रियलिस्टिक पेंटिग करने वाले चित्रकार बहुत कम है, इसमें भी बाल चेष्टाओं का चित्रण का कार्य बिरलों द्वारा किया जाता है। बाल चेष्टाओं का चित्रण निश्चय ही सराहनीय कार्य है तथा इस प्रकार के कार्य को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
वे शुक्रवार को बागोर की हवेली स्थित कला विथी में डूंगरपुर की ख्यातनाम चित्रकार अभिलाषा भावसार की तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी ‘बचपन’ के शुभारंभ उपरांत विचार व्यक्त कर रहे थे इस मौके पर उन्होंने चित्रकार भावसार के चित्रों की विषयवस्तु और रंग संयोजन से काफी खुश नज़र आए और उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रदर्शनियों को देश-प्रदेश की बड़ी आर्ट गैलरियों में आयोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने चित्रकार के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि वे अपने कला कौशल के जरिये क्षेत्र का नाम गौरवांवित करें।
इससे पूर्व प्रो. शर्मा तथा प्रो. वर्मा ने दीप प्रज्वलन तथा फीता काटकर कला प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। चित्रकार अभिलाषा तथा रूपेश भावसार ने अतिथियों का स्वागत किया और कला प्रदर्शनी का अवलोकन कराया। अतिथियों ने प्रदर्शित चित्रों को तल्लीनता से देखा और इसमें वर्णित विषयवस्तु की सराहना की।
इस मौके पर चित्रकार जुगल किशोर शर्मा, ललित शर्मा, वाघाराम चौधरी, चित्रसेन, रॉकेश, सुनी, मयंक, राजेश, संदीप, विजेश, लोकेश गांधी, ललित कुमार, ऋषभ जैन, हार्दिक द्विवेदी, मयूर जैन सहित उदयपुर और डूंगरपुर जिले के कई चित्रकार तथा कलापमियों ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। चित्रकार भावसार ने बताया कि प्रदर्शनी 5 अप्रेल तक सुबह 11 से रात्रि 8 बजे तक कलाप्रेमियों के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।
कला प्रदर्शनी ‘बचपन’ का हुआ शुभारंभ बाल चेष्टाओं का चित्रण सराहनीय
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