आइसोलेट वार्ड में स्प्रिट व रूई जलाकर बनाई जाती है चाय, जिमेदार डॉक्टरों ने जताई अनभिज्ञता
एमबी हॉस्पीटल में रूई और स्प्रिट का हो रहा है दुरुपयोग
उदयपुर। स्वाइन फ्लू के आइसोलेट वार्ड में स्प्रिट और रूई जलाकर प्रदूषण फैलाया जा रहा है। ऐसा केवल इसलिए किया जा रहा है कि डॉक्टरों और स्टॉफ की चाय की तलब पूरी हो जाए। ऐसा करके ये जिम्मेदार लोग न केवल स्वाइन फ्लू के मरीजों का जीवन खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि अस्पताल में काम आने वाली रूई और स्प्रिट का भी दुरुपयोग कर रहे हैं। यह सनसनीखेज खुलासा क्रमददगारञ्ज के क्रस्टिंग ऑपरेशनञ्ज में हुआ है। पेश है गणेश सेन की रिपोर्ट…
क्रमददगारञ्ज के स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो विजुवल में बताया गया है कि किस तरह से स्वाइन फ्लू वार्ड में लगा स्टॉफ फर्श पर दो ईंटें रखकर ऊपर चाय की तपेली चढ़ा रहा है और चाय बनाने के लिए रूई पर स्प्रिट डालकर आग लगा रहा है। हालांकि एमबी हॉस्पीटल के बड़े डॉक्टर इस मामले से अनभिज्ञता जता रहे हैं, लेकिन ये चाय स्टॉफ के साथ ही उन्हें भी पिलाई जाती है।
जानकारों का कहना है कि स्वाइन फ्लू के आइसोलेट वार्ड में इस तरह से स्प्रिट और रूई जलाने से फैलने वाला प्रदूषण मरीजों के लिए घातक होता है, लेकिन जिम्मेदार डॉॅक्टरों और स्टॉफ को इसकी तनिक भी चिंता नहीं है। इस खुलासे से स्पष्ट होता है कि दक्षिणी राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल के डॉक्टर और स्टॉफ इस बीमारी को लेकर किस कदर बेपरवाह है। इस बीमारी से आए दिन होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या राज्य सरकार के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है, लेकिन जिम्मेदार डॉक्टरों और स्टॉफ को बिलकुल भी ङ्क्षचता नहीं है।
आप दिला दो चूल्हा : जब क्रमददगारञ्ज रिपोर्टर ने इस तरह चाय बनाने से हो रहे प्रदूषण के बारे में नर्सिंगकर्मियों से पूछा, तो उनका कहना था कि अगर आपको परेशानी हो रही है तो क्रआप इलेक्ट्रिक चूल्हा दिला दो।ञ्ज पता चला है कि स्वाइन फ्लू वार्ड में तैनात डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों को जब भी चाय की तलब लगाती है तो इसी तरह चाय बनाई जाती है।
वर्जन…
मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। अगर वार्ड में ऐसा हो रहा है तो गलत है। आज ही इसकी जांच करवाई जाएगी और जो स्टॉफ इस तरह से चाय बना रहा है। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. महेश दवे, स्वाइन फ्लू वार्ड प्रभारी
इस तरह से स्वाइन फ्लू के आइसोलेट वार्ड में स्प्रिट और रूई को जलाना बिलकुल गलत है। मरीजों के स्वास्थ पर विपरीत असर पड़ सकता है। स्वाइन फ्लू वार्ड पूरी तरह से संक्रमण मुक्त होना चाहिए। इसीलिए वार्ड को बार-बार आइसोलेट किया जाता है और बहुत एहतियात बरती जाती है।
-डॉ. बीआर भाटी, सीनियर फिजिशियन
इस तरह से गलत है। मैं इस मामले की गंभीरता से जांच करवाता हूं। निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. तरुण गुप्ता, अधीक्षक, एमबी हॉस्पीटल