उदयपुर,राजस्थान के लोकायुक्त श्री एस.एस.कोठारी ने सोमवार को अपनी एक दिवसीय यात्रा दौरान जनसुनवाई की तथा जिले के गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों व प्रबुद्धजनों से रू-ब-रू होते हुए जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए भ्रष्टाचार से संबंधित प्रकरणों में कार्यवाही के बारे में जानकारी प्रदान की।
जिला कलेक्ट्रेट सभागार में एनजीओ प्रतिनिधियों व अधिकारियों से मुखातिब होते हुए श्री कोठारी ने वर्तमान में देश में पसरे भ्रष्टाचार के दुष्परिणामों के बारे में बताते हुए लोकायुक्त सचिवालय की आवश्यकता और इसके माध्यम से की जाने वाली कार्यवाही के बारे मंे विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त सचिवालय को प्राप्त होने वाली शिकायतों पर शीघ्र, न्यायपरक व निष्पक्ष कार्यवाही की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि दुर्भावना से प्रेरित और झूठी शिकायतों को लोकायुक्त द्वारा निरूत्साहित किया जाता है।
लोकायुक्त ने विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से हुए सर्वे के परिणामों के आधार पर भ्रष्टाचार के मामलों में भारत की स्थिति को उद्घाटित किया और कहा कि भ्रष्टाचार के निवारण के लिए प्रभावी कार्यनीति समय की मांग है। उन्होंने कहा कि 1973 से राजस्थान में लागू लोकायुक्त अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी, संस्था की कार्यप्रणाली और अधिकार क्षेत्र की जानकारी जनसाधारण तक पहुंचाने के लिए लोकायुक्त सचिवालय द्वारा जिलों में पहुंच कर शिविरों के माध्यम से संवाद स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि वर्तमान में सामुदायिक हितों के स्थान पर व्यक्तिगत हितों को ज्यादा महत्ता दी जा रही है जिसके कारण भ्रष्टाचार के प्रकरणों में बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने देश के विकास के लिए भ्रष्टाचार के उन्मूलन को आवश्यक बताया और मौजूद प्रतिनिधियों और प्रबुद्धजनों से आह्वान किया कि वे लोकसेवकों के पदीय दुरूपयोग व भ्रष्टाचार के मामलों में शिकायतें करते हुए भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए आगे आवें।
इससे पूर्व लोकायुक्त सचिवालय के उप सचिव उमाशंकर शर्मा ने समस्त आगंतुकों का स्वागत करते हुए लोकायुक्त सचिवालय के बारे में बताया। शर्मा ने इस मौके पर सरपंच से संबंधित शिकायतों को लोकायुक्त के कार्यक्षेत्र में नहीं होने की स्थिति पर बताया कि वर्ष 1973 में लोकायुक्त कानून के निर्माण के बाद अब तक किसी प्रकार का संशोधन नहीं किया गया है इसी वजह से इस प्रकार की स्थितियां हैं। उन्होंने इस संबंध में लोकायुक्त सचिवालय द्वारा लोकायुक्त कानून में संशोधन के लिए राज्य सरकार को आवश्यक प्रस्ताव प्रेषित किए गए हैं। इस अवसर पर सहायक सचिव ने लोकायुक्त संस्था की कार्यप्रणाली और इसके माध्यम से मिलने वाली राहत के बारे में जानकारी दी।
एनजीओ प्रतिनिधियों से संवाद दौरान मौजूद प्रतिनिधियों ने अपनी परिवेदनाओं के संबंध में विस्तार से बताया और कई महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए जिन पर लोकायुक्त ने आवश्यक कार्यवाही को आश्वस्त किया। इस मौके पर अतिरिक्त कलक्टर (शहर) छोगाराम देवासी सहित गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
जनसुनवाई में आई 37 शिकायतें:
सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में लोकायुक्त सचिवालय के अधिकारियों के द्वारा आयोजित जनसुनवाई दौरान विभिन्न प्रकार की कुल 37 शिकायतें प्राप्त हुई। लोकायुक्त सचिवालय के उप सचिव उमाशंकर शर्मा ने बताया कि जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों को दर्ज करते हुए विधिवत आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रस्तावित किया जा रहा है।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रभावी अधिनियम बनें
लोकायुक्त कोठारी ने सायं 3.30 बजे विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक में लोकायुक्त की कार्यप्रणाली पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यद्यपि भारत में अब तक केन्द्र में लोकपाल कानून प्रभावी नहीं बन पाया है परन्तु राजस्थान देश का तीसरा राज्य है जहां 1973 से यह कानून प्रभावी है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय जनता में भ्रष्ट व्यवस्थाओं के प्रति जनाक्रोश बढ़ रहा है। भारत की स्थिति विश्व में अच्छी नहीं है एवं भ्रष्टाचार ने देश की प्रगति को रोका है, उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध भारत में कानूनों का अभाव है बल्कि इन कानूनों की क्रियान्विति एक समस्या अवश्य है। श्री कोठारी ने भ्रष्टाचार को एक अपराध बताया एवं कहा कि इसे रोकने के लिए सभी विभागों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी अधिकारी के खिलाफ झूठी शिकायत होती है तो उसे भयमुक्त रहना चाहिए लोकायुक्त सचिवालय शीघ्र ही मामलों का निस्तारण करता है। ऐसे में विभागों को भी तथ्यात्मक रिपोर्ट तत्परता से पेश करनी चाहिए ताकि ऐसे मामलों को जल्दी निबटाया जा सके। श्री कोठारी ने कहा कि विकास के लिए सुशासन का होना आवश्यक है एवं सुशासन के लिए देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने की आवश्यकता है।
उन्होंने उदयपुर जिला प्रशासन एवं जिला कलक्टर आशुतोष ए.टी.पेडणेकर की कार्यशैली की भूरि-भूरि प्रशंसा की एवं कहा कि सभी अधिकारियों को इसी प्रकार संवेदनशीलता के साथ जनता की समस्याओं का निराकरण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के प्रति सजगता के अलावा हर अधिकारी को कर्तव्यपालन में भी श्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए। जनता से संवाद बनाकर स्वयं को हमेशा उपलब्ध रखें ताकि जनता का कोई भी कार्य न रुके।
बैठक के अंत में जिला कलक्टर ने लोकायुक्त द्वारा अधिकारियों को कार्यशैली के विषय में खुलकर एवं सटीक बातचीत के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन समस्त अधिकारियों के साथ इन बातों पर अवश्य अमल करेगा। बैठक में पुलिस अधीक्षक अजयपाल लाम्बा, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) मनवीर सिंह अत्री, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) छोगाराम देवासी, नगर विकास प्रन्यास सचिव रामनिवास मेहता, नगर निगम आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ, प्रोटोकॉल अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह, एवीवीएनएल के अधिशासी अभियंता पुरूषोत्तम पालीवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।