लेखकः- हरीश बी. शर्मा निर्देशकः- विपिन पुरोहित
उदयपुर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘‘रंगशाला’’ में रविवार को बीकानेर के नाट्य कर्मियों ने नाटक ‘‘अेसो चतुर सुजान’’ के माध्यम से सामाजिक बुराईयों पर रोचक व मनोरंजक ढंग से कटाक्ष किया गया।
शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित इस नाट्य संध्या में बीकानेर के कलाकारों ने हरीश बी. शर्मा द्वारा लिखित व विपिन पुरोहित द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘ अेसो चतुर सुजान’’ में दर्शकों का खासा मनोरंजन करते हुए सामाजिक विपन्नताओं को दर्शाया।
नाटक का कथानक आमजन से निकला एंवम् बुद्धिकौशल से राजा की आंख में चढे सुजान पर केन्द्रित है जिससे नाराज दरबारी हर समय उसे नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। लेकिन चतुर सुजान राज दरबार में अपनी हर शिकायत के बाद भी ओर अधिक प्रतिष्ठा प्राप्त करता हैं। इसकी वजह हैं कि उसके पास रानी, मंत्रियों एवम् अन्य अधिकारियों की कमजोरियों के पुख्ता प्रमाण होना।
सुजान के गुणों की चर्चा चौपालों से लेकर रानीवासों तक फैलती हैं। दुश्मन सभी एक हो जाते हैं। यहॉं सुजान की कठोर परीक्षा होती हैं। छल कपट एवम् षडयंत्र पूर्वक सुजान को दबाये जाने की कोशिश होती हैं, लेकिन जब उसे अपनी बात कहने का मौका दिया जाता हैं तो राजा रानी सहित समस्त दरबार शर्मिंदा हो जाता हैं। नाटक में औकात ना भुलने का संदेश दिया गया हैं। साथ ही समाज मे फैली विभिन्न कुरीतियों पर प्रहार किया गया हैं। राजस्थानी परिवेश में बुना यह नाटक राजस्थानी रंग से सराबोर हैं। पात्रों में सुजान के किरदार में सुनील पुरोहित ”सुनीलम्” का अभिनय चरित्र के अनुसार श्रेष्ठ बन सका वहीं राजा वीरमदेव की भूमिका में किशन स्वामी का अभिनय दर्शकों द्वारा पसंद किया गया। रानी के चरित्र में जया पारीक व भाभी के किरदार में अनिता जोशी का अभिनय लाजवाब बन सका। अन्य कलाकारों में
सेनापति -मुकेश सेवग, अजयराज-संदीप भोजक, भाईजी -नवरतन शर्मा, परताराम-सलीम बेग, हलकारो/हमलावर-योगेश हर्ष व सुुरेश बिस्सा, जनता/फरियादी – पंकज व्यास, जासूस/जनता- राकेश शर्मा तथा जुबैर, प्रशांत व्यास,सुनील व्यास,सलीम बेग, इकबालहुसैन, जितेन्द्र पारीक सराहनीय बन सका। प्रस्तुति में प्रकाश परिकल्पना/प्रभाव आलोक सोनी, मेकअप नीलम पुरोहित, वेशभूषा- प्रियंका पुरोहित/कन्हैयालाल रंगा की थी।
सामाजिक बुराईयों पर कटाक्ष: अेसो चतुर सुजान
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