बाजारों में दिखने लगी विविध प्रकार की पिचकारियां और रंग
उदयपुर, होली के त्योहार को एक ही सप्ताह ही शेष है। शहर में इसको लेकर तैयारियों का दौर लभगभ पुरा हो चुका है। वहीं दुकानों पर पचकारियों की नई वैरायटी भी युवाओं और बच्चों का आकर्षण केंद्र बना हुआ है। पांच मार्च को शहर के गली-मोहल्लों और चौराहों पर शुभ मुहूर्त में लगभग १३८ जगहों पर होलिका दहन किया जाएगा। अगले दिन एक दूसरें को रंग बिरंगी गुलाल और पक्के रंगों के साथ ही होली की शुभकामनाएं दी जाएगी। शुभाकमनाएं के साथ ही एक साल से कम आयु वर्ग के बच्चों की ढूढोत्सव की रस्म भी निभाई जाएगी। परिवार की महिलाओं ने होली की तैयारियों के लेकर बाजारों में खरीदारी शुरू कर दी है। बाजारों में रंगबिंरगी गुलाल और बच्चों की पिचकारियों के कांउटर भी सजने शुरू हो गए हे ।
शहर के मंदिरों में ठाकुरजी को प्रतिदिन आकर्षक श्रृंगार धारण कराकर अबीर गुलाल की सेवा धराकर फाग के गीतों का गायन शुरू हो गया है। मंदिरों में इन दिनों फागोत्सव की काफी धूम मची हुई है। होली के दिन शहर के कई स्थानों पर शुभ मुहूर्त में होली का पूजन कर होली में अग्नि प्रज्ज्वलित करके होली का दहन किया जाएगा। होलिका दहन के दौरान नव अंकुरित गेंहू की फसलों, हरे लीलवे आदि सेक कर लोगोंं में वितरित किया जाएगा। एक साल से कम वर्ष के बच्चों को दूल्हे के रूप में श्रृंगारित कर होली के सात फेरे दिलाएं जाएंगे। वहीं होली के अगले दिन धुलेंडी का पर्व उत्साहपूर्वक मनाया जाएगा। रंगोत्सव को लेकर युवाओं और बच्चों में खासा उत्साह है। कई मित्रों से आपस में अपने दोस्तों के होली व धुलेंडी पर्व को मनाने की योजना बनाना शुरू कर दिया है। धुलेंडी पर लोग एक दूसरे को अबीर, गुलाल और पक्कें रंग लगाकर होली की शुभकामनांए दी जाएगी। धुलेंडी पर नवजात शिशुओं को ढूंढने की रस्म को पुरा किया जाएगा। विभिन्न समाजों की ओर से सामूहिक ढूंढोत्सव आयोजित होगे।
१० से २५० रुपए तक की पिचकारियां : इस बार होली को स्पेशल बनाने के लिए लोगों के लिए जो पिकारियां बाजार में आए हैं। इनकी कीमत १० रुपए से लेकर २५० रुपए तक है। इनमें बच्चों के लिए उनकी पसंद की पिचकारियां हैं। पिचकारियों पर स्पाइडर मैन, क्रिश, डोरीमोन, सांताक्लॉज सहित अन्य प्रकार की आकृतियों बनाई गई है। यहीं नहीं बल्की बाजारों में ड्रेगन, दैत्य, यमराज के सिर का ताज, सिकंदर की टोपी के रूप में पिचकारियों शहर के बाजारों में उपलब्ध है।
शहर में होली के त्योहार को देखते हुए व्यापारियों दुकानों पर गुलाल बिकनी शुरू हो गई है। बाजारों में बिकने वाली गुलाल कई रंगो में उपलब्ध है। इनमें विशेष रूप से लाल, हरा, पीला, बेंगनी रंगों की गुलाल बाजारों में देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी और वन विभाग द्वारा बनाई गई हर्बल गुलाल बिकने लगी है। प्राकृतिक रंगों से तैयार हर्बल गुलाल के काउंटर लगाने की तैयारियों भी वन विभाग ने शुरू कर दी है।
क्या कहते है डाक्टर : डाक्टरों का कहना है कि होली के दिन घर से निकलने से पहले क्रीम या लिक्बिड पैराफिन लगानी चाहिए। साथ ही होली खेते समय ध्यान देना चाहिए कि होली का रंग आंखों में न चला जाए। पूरे शरीर पर क्रीम या तेल लगाए। होली के रंग शरीर लगाने के बाद धूप में न जाए, क्योंकि होली के रंग धूप के कारण रिएक्ट करते हैं, जिससे सनबर्न, डार्क स्पांट हो सकते हैं। साथ ही होली के दिन लाइट कपडे पहने जो की पूरे शरीर को पूरा ढककर रखना चाहिए।
रंग पर्व की तैयारियां परवान चढी
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