शियादाउदी बोहरा समाज के सैयदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन साहब सालगिरह मनाने के बाद बुधवार शाम उदयपुर से विदा हो गए। इस मौके पर बड़ी संख्या में अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा। अपने मौला को विदा करते अकीदतमंदों की आंखें छलक उठी। उदयपुर की मेहमान नवाजी और अकीदतमंदों की आंखें छलकती देख सैयदना की भी आंखें भर आई।
उदयपुर से विदा होने से पहले सैयदना ने सुबह खांजीपीर दरगाह पहुंच मखमली चादर पेश की। शाम 4 बजे विदा होने से पहले सैयदना साहब खारोल कॉलोनी स्थित दारुल इमारत के बाहर बने मंच पर पहुंचे। विदाई के मौके पर अकीदतमंदों को कहा कि चार दिन की यात्रा में जितनी मोहब्बत मिली, उसे बयां नहीं कर सकता। मेरी इच्छा है कि फिर कभी उदयपुर आऊं तो कई दिनों तक यहां रहूं। मैं अपने भाइयों से फिर अपील करता हूं कि दूरियों को मिटाकर फिर साथ जाओ। समारोह का समापन मौला इमाम हुसैन की शहादत का मातम मनाने के साथ हुआ। शाम 4.30 बजे रेलवे ट्रेनिंग ग्राउंड से हैलीकॉप्टर से सलूंबर के लिए प्रस्थान कर गए। कलूतड़ा हेलीपेड पर समाजजनों उनका भावभीना स्वागत किया। सैयदना गुरुवार को पारसोला जाएंगे।
उदयपुर विकास समिति ने किया स्वागत
धर्मगुरुके बुधवार दोपहर नीमच खेड़ा पहुंचने पर चौराहे पर उदयपुर विकास समिति की ओर से स्वागत किया गया। संयोजक प्रेम ओबरावल ने बताया कि क्षेत्र के व्यापारियों ने सैयदना साहब को श्रीफल भेंट किया। इस मौके पर दलपत सिंह मकवाना, नरेन्द्र सिंह, अभिषेक जैन, सत्यनारायण पालीवाल आदि मौजूद थे।
शहर से रुखसत लेने से पहले सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन खारोल कालोनी मस्जिद पहुंचे। इस दौरान कई अकीदतमंद भावुक हो गए।