प्रदेश के सभी जिलों के वेब डोमेन अमरीका की तर्ज पर दुनिया में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ तकनीक के आधार पर तैयार किए गए हैं। ऎसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है।
जिलों के डोमेन तैयार हैं और जिला कलक्टरों, सूचना प्रौद्योगिकी व संचार विभाग के एनालिस्ट कम प्रोग्रामर, सांख्यिकी अधिकारियों को इसके उपयोग के बारे में वीडियो कॉन्फे्रंसिग के जरिए प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। इसकी बीटा टेस्टिंग पूरी होने के बाद जल्द ही सभी जिले नए डोमेन पर काम करने लगेंगे।
जिलों के बेव डोमेन अभी “एनआईसी.कॉम” पर चलते हैं, लेकिन अब इन्हें पुरानी तकनीक पर चलने वाले इस डोमेन से छुटकारा मिल गया है। अब सभी जिलों के डोमेन अमरीका के यूएसए.गोव.इन” की तर्ज पर “राजस्थान.गोव.इन” डोमेन से संचालित किए जाएंगे।
गत 20 जनवरी से ही एनआईसी डोमेन से चल रही बेवसाइट को बन्द करना था। जिलों की वेबसाइट अब नए डोमेन पर आ गई हैं। इन्हें पूरी तरह चालू करने का काम अंतिम चरण में है।
एक बार नए डोमेन पर आने के बाद जिलों की वेबसाइट मोबाइल एप्लीकेशंस पर भी चलने लगेगी। साथ ही, इन्हें दुर्गम इलाकों में जहां इंटरनेट की उपलब्धता कमजोर हो, वहां भी संचालित किया जा सकेगा।
खुद ही मालिक
एनआईसी डोमेन पर चलने के कारण अफसरों को सूचनाएं अपलोड करने के लिए पहले प्रोग्रामर के जरिए जानकारी एनआईसी को दी जाती थी। वहां से यह उसके दिल्ली स्थित सर्वर पर जाती थी और वहां से जिलों के डोमेन पर इसे प्रदर्शित किया जा सकता था।
अब जिले ही अपने वेब पोर्टल के मालिक होंगे और तुरन्त सूचनाएं अपलोड की जा सकेंगी। इतना ही नहीं, राज्य व सम्भाग के लिए उपयोगी सूचनाएं भी इसी पोर्टल से प्रसारित हो सकेंगी। नए पोर्टल पर वीडियो फुटेज आदि भी आसानी से डाले जा सकेंगे, वहीं वेबकास्टिंग का विकल्प भी होगा। इसे स्टेट पोर्टल से जोड़ा जा रहा है।
डिवाइस फ्री
राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने इन पोर्टल के लिए अत्याधुनिक एचटीएमएल-5 तकनीक का इस्तेमाल किया है। इससे पोर्टल को रिस्पोंसिव व फ्यूड बनाया जा सकता है, यानी पोर्टल किसी भी आकार में खुद को एडजस्ट कर लेता है। पोर्टल हैकिंग के खतरे से बचा होने के साथ डिवाइस फ्री भी है। इसे कम्प्यूटर के अलावा आईपेड, टेबलेट व मोबाइल आदि अन्य डिवाइस पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
नए पोर्टल का इस्तेमाल आम आदमी व पर्यटकों के लिए भी उपयोगी होगी। इसमें जिले की सभी सूचनाओं के अलावा राज्य की सेवाप्रदायी योजनाएं भी उपलब्ध होंगी, वहीं समस्या समाधान के लिए लोगों को अलग से सुगम पोर्टल पर जाने की जरूरत नहीं होगी। जिलों के पोर्टल में राज्य के अन्य पोर्टल की वेब डायरेक्ट्री भी उपलब्ध करवाई गई है। अखिल अरोड़ा, निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी विभाग