वागड़ प्रयाग बेणेश्वर महाकुंभ के तीसरे दिन रविवार को हजारों की संख्या में मेलार्थी मेले में परंपरागत रस्मों के सहभागी बने। माघ शुक्ल ग्यारस पर मावजी महाराज के प्राकट्य दिवस से शुरु हुआ यह मेला 3 फरवरी माघ पूर्णिमा पर अपने चरम यौवन पर रहेगा।
सोम, माही जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम तट पर भरे महाकुंभ में रविवार को भी दिनभर माव भक्तों की भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने पीठाधीश्वर अच्युतानंद महाराज से आशीर्वाद लिया। मेला क्षेत्र की ओर पहुंचने वाले तमाम मार्ग मेलार्थियों से अटे हुए हैं। राजस्थान सहित गुजरात, मध्यप्रदेश महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में मेलार्थी अपने परिजनों के साथ मेले की ओर आने लगे हैं।
साबला. बेणेश्वरधाम में मेलार्थियों के लिए लगाए गए झूले और मेले में पहुंचे मेलार्थी।
श्रद्धालुओं का जमघट
बेणेश्वरधाम के राधा-कृष्ण मंदिर, बेणेश्वर शिवालय, ब्रह्माजी, गायत्री, पवनपुत्र हनुमान, वाल्मीकि मंदिरों पर श्रद्घालुओं का जमघट लगा हुआ है। दूर-दूर से धर्म ध्वजाएं लेकर मावजी के अनुयायी, साद संप्रदाय के भगत, साधु-संत आदि पारंपरिक लोक वाद्यों की स्वर लहरियों पर मंदिर परिसरों धर्मशालाओं में डेरा जमाए हुए धार्मिक-आध्यात्मिक चेतना जगाने में मस्त हैं।