रंगशाला में ‘‘अनारकली’’ का मंचन
उदयपुर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से मासिक नाट्य संध्या ‘‘रंगाशाला’’ में रविवार शाम नाटक ‘‘अनारकली’’ मंचित किया गया जिसमें हास्य और मनोरंजन के साथ-साथ थिएटर तथा थिएटर पर एक गम्भीर सोच को रोचक ढंग से पेश यिा गया।
जोधपुर की अपूर्वा थिएटर रेपर्टरी के कलाकारों ने शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में मनोहर सिंह द्वारा लिखित व अजय करण जोशी द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘अनारकली’’ का मंचन किया गया। नाटक रंगकर्म के प्रति एक गम्भीर सोच के साथ शुरू होता है जिसमें एक नवोदित निर्देशिका ऊषा जी के निर्देशन में नाटक खेला जाता है। जिसमें एक सीनियर कलाकार बीच में नाटक छोड़ कर चला जाता है उसके एवज में नया कलाकार रखने के लिये प्रयास किये जाते हैं। इसके बावजूद नाटक के मंचन में अन्य कई प्रकार की सामाजिक व पारिवारिक अड़चने आती हैं। किसी की बीवी नाटक के खिलाफ है तो किसी का पिता। कुल मिला कर थिएटर के प्रति लोगों की सोच और रवैये को लेकर नाटक का ताना बाना बुना गया। जिसे जोधपुर के रंगकारों ने बखूबी मंच पर बेहतरीन तालमेल और श्रेष्ठ अभिनय से प्रस्तुत किया।
नाटक के निर्देशक अजय करण जोशी स्वयं एक एक्टर के किरदार में दिखे व अपने अभिनय का जौहर दिखाया किन्तु साथ ही एक निर्देशक के तोश्र नाटक के प्रत्येक पक्ष को भलिभांति उभारने तथा उसे प्रस्तुत कर पाने में सफल हो सके। सलीम व सरूप् के किरदार में परमानन्द रामदेव का अभिनय लरजवाब बन सका वहीं अनारली व ऊषा की भूमिका में पूजा जोशी का अभिनय श्रेष्ठ बन सका। पूजा ने अनारकली के किरदार के साथ-साथ एक उदीयमान निदै्रशिका के भावों को सशक्त ढंग से प्रस्तुत किया। प्रस्तुति में जांनिसार की भूमिका निभा रहे कलाकार सैफुल्लाह खान, अकबर अजय सिंह गहलोत, कलाकार की पत्नी आशिमा गुप्ता ने अपने अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया व अपनी छाप छोड़ी। नाटक का संगीत पक्ष जहां प्रभावशाली रहा वहीं समापन पर प्रस्तुत गीत प्रेरणादायी व उर्जावान बन सका।