राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, जगदीश चौकका 150वीं जयंती समारोह संपन्न
उदयपुर, वर्तमान में संपूर्ण संसार में हो रहे नारी सशक्तिकरण की नींव 150 वर्ष पूर्व मेवाड़ में रखी गई। हम आज भी उस परंपरा पर कायम है और आशा है कि आने वाले 150 वर्ष बाद भी इस पर कायम रहेंगे। यह उद्बोधन बुधवार को यहां जगदीश चौक स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय (पूर्व नाम शंभूरत्न पाठशाला) के जीर्णोद्धार एवं विद्यालय की स्थापना की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि निवृत्ति कुमारी मेवाड़ ने दिए। इस समारोह में उन्होंने कन्या बचाओं एवं कन्या पढ़ाओ की धारणा में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर ने मेवाड़ वंश के पूर्व महाराणा शंभूसिंह जी द्वारा स्थापित शंभूरत्न पाठशाला का प्रथम चरण में पुनर्निर्माण करवाया है। उन्होंने स्कूल की 150वीं जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को बधाई दी।
कार्यक्रम के अतिथि फाउण्डेशन के ट्रस्टी लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने बताया कि फाउण्डेशन स्कूली शिक्षा एवं खासतौर से बालिका शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए निरंतर प्रयासरत है। स्कूल की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में एसआईईआरटी की निदेशक श्रीमती विनीता बोहरा, जिला शिक्षा अधिकारी कृष्णा चौहान, पटना बालांगीर रियासत के पूर्व महाराजा कनकवद्र्धन सिंह देव एवं उनकी पत्नी संगीता कुमारी देव सहित शिक्षक अभिभावक संघ के पदाधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक एवं शिक्षाअधिकारी उपस्थित थे।
महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि 150 वर्ष पूर्व स्थापित मेवाड़ रियासत के पूर्व महाराणा शंभू सिंह जी के नाम पर स्थापित इस शंभू रत्न पाठशाला को मेवाड़ की अथवा उदयपुर की पहली बालिका पाठशाला के रूप में स्थापित किया गया था। वर्तमान में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के नाम से चल रहे इस बालिका विद्यालय की 150 वर्ष पुरानी इमारत को जीर्णोद्धार की आवश्यकता थी। इस विषय में वर्तमान में स्कूल के प्राचार्य श्रीमती दामिनी दांत्या के निर्देशन में 600 से अधिक बालिकाएं शिक्षा प्राप्त कर रही है। कक्षा 9वीं से 12वीं तक चलने वाले इस विद्यालय के जीर्णोद्धार की आवश्यकता को लेकर स्कूल प्रशासन ने महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर से सहयोग चाहा। फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी अरविन्द सिंह मेवाड़ ने इसकी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव को स्वीकृत कर लिया है। इस कार्य के प्रथम चरण में विद्यालय के बाहरी हिस्सों को दुरस्त किया गया है।
इस अवसर पर महाराणा शंभूसिंह जी के हकीकत बहिड़े एवं विद्यालय की स्मारिका उड़ान का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में छात्राओं ने ईशवंदना द्वारा अतिथियों का स्वागत किया एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी।
150 वर्ष पूर्व कन्या शिक्षा की अलख जगाई, आज भी है और आगे भी रहेगी : निवृत्ति कुमारी मेवाड़
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