यू.जी.सी. महिला अध्ययन केन्द्र, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के तत्वावधान् में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘‘कौशल आमुखीकरण एवं महिला सशक्तिकरण‘‘ का आयोजन किया गया । संगोष्ठी के उद्धाटन सत्र में मुख्य वक्ता गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद की प्रो. आनन्दी बेन पटेल ने कहा की समाज को पितृ सत्तात्मक व्यवस्था में सुधार लाना चाहिए, स्त्रियों को बन्धन से मुक्त करके ही सक्षम बनाया जा सकता है । महिलाओं को सशक्त करने के लिए उन्हें आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाने के प्रयास अपरिहार्य है । वर्तमान समय में महिलाओं को निर्णय प्रक्रिया मे अपनी सहभागिता बढाने के प्रयास करने चाहिए ।
मुख्य अतिथि कुलपति, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय प्रो. इन्द्रवर्धन त्रिवेदी ने कहा की विश्वविद्यालय कौशल उन्नययन के लिए दृढ संकल्पित है । विश्वविद्यालय आगामी सत्रों में कौशल उन्नययन के लिए वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करेगा ।
विशिष्ठ अतिथि प्रो. विजय श्रीमाली, अधिष्ठाता, वाणिज्य एवं प्रबन्ध अध्ययन महाविद्यालय ने अपने उदबोधन में कहा की कौशल संवर्धन के विकास हेतु प्रायोगिक स्तर पर कार्य होना आवश्यक है । तभी महिलाएॅ वास्तव में सशक्त बन सकेगी ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. फरीदा शाह, अधिष्ठाता, सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय ने की । अपने अध्यक्षीय उदबोधन में उन्होने कहा की कौशल संवर्धन के द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रयास वर्तमान समय और समाज की महती आवश्यकता है और इसके लिए समाज में जागृति लाना अनिवार्य है ।
संगोष्ठी निदेशक प्रो. दिग्विजय भटनागर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संगोष्ठी के विषय पर प्रकाश डाला और बताया की राष्ट्रीय संगोष्ठी में चार तकनिकी सत्रांे में विभिन्न प्रकार की आठ विषयों पर शोध पत्रों का वाचन देश के विभिन्न भागों से आये हुए विशेषज्ञों एवं शोधार्थियों ने किया । कार्यक्रम के विभिन्न तकनिकी सत्रों में प्रो. विजयलक्ष्मी चौहान, प्रो. सीमा मलिक, प्रो. सी.आर. सुथार, प्रो. विलास जानवें, डॉ. प्रतिभा, प्रो. मंजु चतुर्वेदी, डॉ. निशा मूंदडा, प्रो. मीना गौड़, प्रो. मीरा माथुर, प्रो. साधना कोठारी, डॉ. कुसुम मित्तल, डॉ. सीमा राठौड़, डॉ. गायत्री तिवारी आदि ने मुख्य वक्ता की भूमिका अदा की । राष्ट्रीय संगोष्ठी में विभिन्न नवाचारों पर विशेषज्ञों के बिच मंथन हुआ और लगभग 63 पत्रों का वाचन किया गया । कार्यक्रम का संचालन श्रीमती ममता कावड़िया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सोनू मेहता ने किया ।
स्त्रियों को बन्धन से मुक्त करके ही सक्षम बनाया जा सकता है प्रो. आनन्दी बेन पटेल
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