सरकार से स्वीकृत धनराशि का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित हो: जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री
उदयपुर, प्रदेश के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री नंदलाल मीणा ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा जनजाति उपयोजना क्षेत्र में जनजाति विद्यार्थियों की सुविधार्थ स्वीकृत होने वाली धनराशि का निर्धारित प्रावधानों के अनुसार उपयोग सुनिश्चित हो ताकि सरकार की मंशा पूर्ण हो सके।
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री मीणा गुरुवार को यहां टीआरआई सभागार में प्रारंभ हुई दो दिवसीय जनजाति परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मौजूद अधिकारियों और सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने जनजाति उपयोजना क्षेत्र में विभागीय गतिविधियों के क्रियान्वयन और स्वीकृत राशि के उपयोग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को बेहतर परिणाम देने तथा पात्र व्यक्तियों को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए।
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव खेमराज की उपस्थिति में प्रारंभ इस बैठक के आरंभ में टीएडी आयुक्त भवानीसिंह देथा ने केबिनेट मंत्री और आगंतुक सदस्यों का स्वागत करते हुए समिति की बैठक का एजेण्डा प्रस्तुत किया।
खेल छात्रावासों की सुविधाओं की हुई समीक्षा:
बैठक में केबिनेट मंत्री मीणा ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा संचालित खेल छात्रावासों में राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक विद्यार्थी के लिए स्वीकृत की जाने वाली 7 हजार रुपयों की राशि के उपयोग और इससे विद्यार्थियों को मिल रही सुविधाओं की समीक्षा करते हुए इनका सार्थक उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने संभाग के विभिन्न जिलों के टीएडी परियोजना अधिकारियों से उनके जिलों के खेल छात्रावासों में खेल सामग्री की उपलब्धता व खरीद के बारे में जानकारी ली और निर्देश प्रदान किए कि राज्य स्तर पर स्पोर्ट्स कांउसिल के साथ हुई बैठक में लिए गए निर्णयों की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए खेल सामग्री की केन्द्रीय खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित की जावें। उन्होंने इन छात्रावासों में खिलाडि़यों को गुणवत्तायुक्त बेहतर खेल उपकरण उपलब्ध कराने की व्यवस्था के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया और कहा कि उचित संसाधन व सुविधाएं मिलने पर ही खेल प्रतिभाएं अपना कौशल दिखा पाएंगी।
निरीक्षण व प्रशिक्षण जरूरी:
इस दौरान केबिनेट मंत्री मीणा ने खेल छात्रावासों के निरीक्षण के लिए वर्तमान व्यवस्था के बारे में जानकारी ली और टीएडी आयुक्त को प्रत्येक छात्रावास के निरीक्षण के लिए अलग से अधिकारी नियुक्त करने, खेल छात्रावासों में प्रशिक्षकों की नियुक्ति की व्यवस्था करने तथा निरीक्षण के नोर्म्स की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होंने पंाच वर्ष से अधिक समय से प्रतिनियुक्ति पर लगे कार्मिकों की स्थिति पर भी नाराजगी जताई व सूची उपलब्ध कराने को कहा। केबिनेट मंत्री ने वार्डन के प्रतिवर्ष होने वाले प्रशिक्षण की ही तरह कोच के भी प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए टीआरआई के निदेशक हर्ष सावन सुखा को निर्देश दिए। बैठक में टीएडी आयुक्त देथा ने बताया कि मई-जून में टीएडी के छात्रावासों व आवासीय विद्यालयों के लिए शिक्षक, वार्डन व कोच की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार आयोजित किए गए थे और इनके माध्यम से रिक्त पदों की पूर्ति की जा रही है।
बैठक दौरान केबिनेट मंत्री मीणा ने छात्रावासों में खाद्य सामग्री की खरीद के संबंध में संबंधित जिले के उपभोक्ता भण्डारों से क्रय करने के दिए निर्देशों की पालना करने व विद्यार्थियों को बेहतर सामग्री मुहैया करवाने के निर्देश दिए।
वनाधिकार पत्रों पर भी हुई चर्चा:
बैठक में जनजाति उपयोजना क्षेत्र में वनाधिकार मान्यता अधिनियम के तहत वनाधिकार पत्रों के वितरण तथा लंबित प्रकरणों की भी समीक्षा की गई। केबिनेट मंत्री ने निरस्त प्रकरणों की संख्या पर असंतोष जताया और मौजूद समिति सदस्यों के साथ चर्चा करते हुए वंचित जनजाति काश्तकारों को अधिकार पत्र दिलाने के लिए कार्यवाही को आश्वस्त किया व कहा कि निरस्त व आपत्तियों वाले प्रकरणों की पुनः संवीक्षा की जाएगी। चौरासी विधायक सुशील कटारा ने कहा कि कई प्रकरण ऐसे है जिनमें पात्र व्यक्ति का प्रार्थना पत्र ग्राम पंचायत स्तरीय समिति द्वारा स्वीकार ही नहीं किया गया। इस दौरान टीएडी आयुक्त भवानीसिंह देथा ने कहा कि वाजिब हर प्रकरण का निस्तारण किया जाएगा व शिविर लगाकर पात्र को अधिकार पत्र दिलाए जाएंगे। डूंगरपुर विधायक देवेन्द्र कटारा ने वनाधिकार मान्यता के लिए जिला स्तरीय कमेटियों के निर्माण में जनप्रतिनिधियों की राय नहीं लेने की जानकारी दी जिस पर केबिनेट मंत्री मीणा ने जिला स्तर की कमेटियों को बजट सत्र के बाद नवीन सिरे से गठित कर अनुमोदन कराने के निर्देश दिए।
समीक्षा समिति गठित करने के निर्देश:
बैठक दौरान समिति सदस्यों ने जनजाति उपयोजना क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की भर्तियों और पदोन्नति में टीएसपी के आरक्षित वर्गों के लिए आरक्षण प्रावधानों की अवहेलना की जानकारी दी गई इस पर केबिनेट मंत्री ने टीएडी आयुक्त की अध्यक्षता में एक समीक्षा समिति का गठन करने के निर्देश दिए और कहा कि यह कमेटी आगामी बैठक तक संबंधित विभागों से सूचना प्राप्त कर समीक्षा करें व रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
इन विषयों पर भी हुई चर्चा:
बैठक दौरान समिति सदस्यों ने कई प्रकार के विषयों पर अपने सुझाव रखे। सदस्य रामस्वरूप महाराज ने कहा कि इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्रवेश के प्रक्रिया के अक्टूबर-नवंबर माह तक जारी रहने के कारण कम अंकों वाले जनजाति छात्र वंचित रह जाते हैं। इस पर टीएडी मंत्री मीणा ने संबंधित विभाग को दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही। कुशलगढ़ विधायक भीमाभाई ने खेल सामग्री खरीद का कलेण्डर जारी करने व विधायकों के स्थान पर टीएडी मद से ही खेल सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही। इसी प्रकार बैठक में जनजाति उपयोजना क्षेत्र के कई भागों को डार्कजोन से मुक्त करने, आंध्रप्रदेश की तर्ज पर टीएडी के लिए कानून निर्माण करने, प्रत्येक विभाग में टीएसपी सेल के गठन, मूल निवास व जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया, आश्रम छात्रावासों में विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि करने सहित जनजाति क्षेत्र के विकास संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई और महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए।
बैठक में ये रहे मौजूद:
बैठक में टीएडी विभाग के प्रमुख शासन सचिव खेमराज, टीएडी आयुक्त भवानीसिंह देथा, जिला परिषद सीईओ नेहा गिरि, उदयपुर विधायक फूलसिंह मीणा, धरियावाद विधायक गौतमलाल, कुशलगढ़ विधायक भीमा भाई, गोगुंदा विधायक प्रतापलाल भील, रामस्वरूप महाराज, आबूरोड़ विधायक समाराम गरासिया, घाटोल विधायक नवनीतलाल निनामा, चौरासी विधायक सुशील कटारा, आसपुर विधायक गोपीचंद मीणा, डूंगरपुर विधायक देवेन्द्र कटारा, सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा, खेरवाड़ा विधायक नानालाल अहारी सहित समस्त संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।