मल्लातलाई से निकला परचम जुलूस
अजमेर से आई चादर पेश की आस्ताने पर
उदयपुर, कौमी एकता व साम्प्रदायिक सौहार्द के प्रतीक सैयद ख्वाजा मो. अब्दुर्रऊफ उर्फ़ मस्तान बाबा का १७वां उर्स गुरूवार को सैंकडों अकीदतमंदों की उपस्थिति में परचम कुशाई की रस्म के साथ शुरू हुआ।
परचम कुशाई से परचम मुबारक एवं अजमेर से आई चादर शरीफ को जुलूस के रूप में शाम ४ बजे मल्लातलाई बडी मस्जिद चौक से सैंकडों अकीदतमंद के साथ मस्तान बाबा दरगाह लाया गया। जुलूस का जगह-जगह अकीदतमंदों द्वारा इस्तकबाल किया गया। जुलूस में मल्लातलाई मस्जिद के इमाम मो. इस्हाक साहब व सदर शफी मोहम्मद, सेकेट्री आबिद खान, मुश्ताक अहमद व हुसैनी कमेटी के सदस्य शामिल हुए। जुलूस बैण्ड की नातिया धुन के साथ गरीब नवाज कॉलोनी, गांधीनगर होता हुआ मस्तान बाबा दरगाह पहुंचा। जहां परचम मुबारक मस्तान बाबा ट्रस्ट के सदर मजीद खान को सुपुर्द किया गया। बाद नमाजे अस्र मौलाना हाफिजो कारी मुहम्मद इस्हाक साहब और मजीद खां ने परचम कुशाई की रस्म तिलावते कुरआन एवं फातेहा ख्वानी के साथ अदा की।
इसके पश्चात अजमेर से आए गरीब नवाज सूफि मिशन सोसायटी के अध्यक्ष शेख जादा जुल्फिकार चिश्ती के साथ सैयद मुनव्वर चिश्ती, सैयद गुलाम रसूल चिश्ती, डॉ. मुहम्मद आदिल, सैयद फिरदोस जमाली, इस्लाम मो., नजर हुसैन चिश्ती आदि ने अजमेर शरीफ से लाई चादर को बाबा साहब के आस्ताने पर पेश की।
खिदमत करने वालों का सम्मान: चार दिवसीय की उर्स की शुरूआत के बाद मस्तान बाबा ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा सालभर दरगाह परिसर में खिदमत करने वालों का इनामात देकर सम्मान किया गया। वहीं गरीबों को कम्बल वितरित की गई।
महफिले मिलाद: उर्स की शुरूआत के साथ बाद नमाज इशा महफिले मिलाद का आयोजन हुआ। जिसमें मुकामी ररूफिया पार्टी द्वारा नातिया कलाम व मदरसा में पढने वाले तुलबा द्वारा सवाल जवाब व नाते पाक पेश किए गए। नागौरी बासनी से आए हजरत मौलाना अल्हाज सूफि निसार अहमद व राजसमंद से तशरीफ लाए मोहम्मद इस्हाक साहब ने तकरीर पेश की। बाहर से तशरीफ लाए नाअतख्वां ने बाबा साहब की शान में नातिया कलाम पेश किए। महफिले मिलाद के आखिरी में सलातो सलाम पेश किया गया एवं पेशावर में हुए मासूमों व बच्चों की कत्ल की भत्र्सना कर उनके लिए दुआऐ मगफिरत की गई।
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