उपभोक्ता को राशन लेने से पहले घर में शौचालय बना हुआ है या नहीं…. यदि बना हुआ तो उपयोग में लिया जा रहा है या नहीं….। जैसे सवालों का सामना करना पड़ेगा।
दोनों शर्ते पूरी हुई तो राशन कार्ड पर फूटरो (सुंदर) घर भी अंकित किया जाएगा। इससे शौचालय का उपयोग करने वाले वास्तविक लोगों की जानकारी भी सामने आएगी। इसके बाद उन्हें प्रेरित किया जा सकेगा।
जिला कलक्टर ने रसद विभाग को निर्देश देकर राशन विक्रेताओं से सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं। इस कवायद में ऎसे उपभोक्ताओं को चिह्नित किया जाएगा, जिनके घरों में शौचालय नहीं है। उनको शौचालय निर्माण और उपयोग के लिए प्रेरित करने का दायित्व भी राशन विक्रेताओं को दिया है।
साढ़े सोलह लाख है उपभोक्ता
जिले में बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अंत्योदय, आस्था व खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अन्य चयनित श्रेणी में करीब 16 लाख 50 हजार राशन उपभोक्ता है। 782 राशन की दुकानें हैं। नए आवेदनों के मुताबिक 6 लाख 47 हजार नए राशनकार्ड बनेंगे। ऎसे में यह अभियान की सफलता में कारगर साबित हो सकता है।
प्रयोग लाभदायक
जिला रसद अधिकारी विनयकुमार शर्मा ने बताया कि हर ग्राम पंचायत स्तर तक हमारा नेटवर्क है। ऎसे में लोगों को शौचालय निर्माण और उपयोग के लिए अच्छे से प्रेरित किया जा सकता है। राशन विक्रेता से लोगों को जुड़ाव भी रहता है।