उदयपुर,गंगा नदी बेसिन राजस्थान सहित ग्यारह राज्यों में फैला हुआ है। इन राज्यों की नदियों, झीलों, छोटे तालाबों को सुरक्षित रखने व ग्रीन ब्रिज जैसी ईको तकनीकों से प्रदूषण मुक्त करने से ही पूरा बेसिन स्वच्छ बन सकेगा।
यह विचार विद्या भवन पॉलिटेक्निक के प्राचार्य एवं झील संरक्षण समिति के सह सचिव अनिल मेहता ने जयपुर के महाराणा प्रताप सभागार में राज्य भर से आये युवाओं के अभिवन राजस्थान समागम में व्यक्त किये।
मेहता ने कहा कि एक सोची समझी साजिष के तहत भू-माफिया, अफसर षाही एवं राजनीतिक दलों से जुड़े लोग राजस्थान की झीलों को छोटा करने में लगे हैं। इसीलिए झीलों का सीमांकन अधिकतम भराव तल के स्थान पर फुल टैंक लेवल पर किया जा रहा है ताकि करोड़ों की लागत की एवं पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण तालाबों की जमीनों को खुर्द-बुर्द किया जा सके। मेहता ने कहा कि राजस्थान के जल संसाधन एवं नगर नियोजन विभाग झीलों में स्थित टापुओं को झीलों से बाहर बताकर उन्हें व्यवसायियों के हवाले कर रहे हैं। ऐसे में युवाओं को आवाज मुखर करनी होगी।
समागम को सम्बोधित करते हुए संस्थापक डा. अषोक चौधरी ने कहा कि राज्य के एक हजार युवा आर टी आई के माध्यम से सरकारी कार्यक्रमों एवं जनहित योजनाओं पर नजर रखेगें।
समागम में मेहता को झीलों व तालाब के संरक्षण के अनवरत प्रयासों के लिए इण्डिया न्यूज के राजस्थान ब्यूरो चीफ श्रीपाल षक्तावत, डा. अषोक चौधरी व उद्यमी मनोज जोषी ने प्रषस्ति -पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में एस.एम.एस. अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डा. वीरेन्द्र सिंह, ने घुमंतु जातियों के षोध के लिए कोटा के मदन मीणा, आर टी आई कार्यकर्ता बीकानेर के रामसिंह व जयपुर के यषवर्धन सिंह, महाराणा प्रताप की भव्य मूर्ति बनाने वाले महावीर भारती सहित दस विषिष्ट व्यक्तियों को अभिनव सम्मान प्रदान किया गया।
झीलों-तालाबों को बचाने का आह्वान, मेहता को अभिनव राजस्थान सम्मान
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