दो दिन शेष रहते प्रत्याशियों ने लगाया जोर
– कर रहे हैं हरसंभव प्रयास
उदयपुर। निकाय चुनाव में अब दो दिन शेष रह गए हैं। चुनावी आचार संहिता का कहीं अंकुश दिख नहीं रहा। सभी प्रत्याशी अपनी इच्छानुसार प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। यहां तक कि बच्चों को भी इसमें शामिल किया गया है।
प्रत्याशी प्रचार सामग्री, वाहन रैली, जुलूस और जनसम्पर्क में जमकर उल्लंघन कर रहे हैं। चुनाव कार्यालय हो या रैली कई जगह बच्चे काम करते हुए नजऱ आ रहे हैं। कहीं बच्चों से प्रचार करवाया जा रहा है तो कहीं बच्चों से चुनाव कार्यालय में मजदूरी करवाई जा रही है। बिना अनुमति पोस्टर-बैनर लगाए जा रहे हैं। येन-केन प्रकारेण चुनाव विजयी के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। कहीं रात को खाने के आयोजन हो रहे हैं तो कहीं क्रमालञ्ज की व्यवस्था भी की जा रही है। अब तक आचार संहिता का पालन करवाने वाली कोई टीमें नजर नहीं आ रही हैं।
क्या है नियम :
1. प्रत्याशी दो से अधिक चार पहिया और तीन से अधिक दुपहिया वाहन का उपयोग नहीं कर सकता ।
2. सरकारी सम्पत्ति पर प्रचार सामग्री लगाने पर सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। निजी भवन पर प्रचार सामग्री लगाने से पहले सक्षम अधिकारी की अनुमति जरूरी है।
3. कोई प्रत्याशी नाबालिग को चुनाव सम्बन्धी किसी अन्य काम में नहीं लगा सकता। बाल श्रम और किशोर न्याय अधिनियम में कार्रवाई का प्रावधान है।
यूं टूट रहे है कायदे :
– शहर में कई धन कुबेर प्रत्याशियों की रैली में और चुनावी कार्यालयों पर बच्चे प्रचार करते नजऱ आ रहे हैं। कई कार्यालयों पर समर्थकों और कार्यकर्ताओं के लिए आने वाली चाय, पानी, बच्चे ही लेकर आ रहे है ।
– प्रत्याशियों के जुलूस में निर्धारित से अधिक वाहनों पर झंडे बैनर लगा कर प्रचार किया जा रहा हैं।
– शहर भर में कई जगह प्रत्याशियों ने सरकारी और गैर सरकारी सम्पत्ति पर बिना अनुमति ही पोस्टर और बैनर लगा रखे हैं।
– जनसम्पर्क के दौरान प्रत्याशी जिन घरों पर जा रहे हैं, वहीं उनके समर्थक झंडे लगा रहे हैं।
औपचारिकता पूरी, नतीजा शून्य :
प्रशासन आचार संहिता का पालन करवाने के पूरे दावे कर रहा है। इसके लिए चुनाव अभियान के पहले राजनीतिक दलों की औपचारिक बैठक बुलाई गई थी। जिला निर्वाचन कार्यालय से आचार संहिता पालन के लिए कई आदेश भी निकाले गए लेकिन हकीकत में चुनावी मैदान में इसका नतीजा शून्य है ।
इनका कहना है
कोई बच्चे अगर स्वेच्छा से रैली में भाग ले तो क्या किया जा सकता है। अगर बच्चों से मजदूरी या काम करवाने के मामले में हमारे पास शिकायत आई तो कार्रवाई की जाएगी।
छोगाराम देवासी, रिटर्निंग अधिकारी, एडीएम सिटी
उड़ रही है आचार संहिता की धज्जियां
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