“स्वास्थ्य एवं कुशलक्षेम में निर्देशन एवं परामर्श की उभरती भूमिका“ विषय पर अर्न्तराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन मनोविज्ञान विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय तथा एकेडेमी ऑफ वेलबिइंग सोसायटी द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रो॰ इन्द्रवर्धन त्रिवेदी, कुलपति, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने कहा कि प्रत्येक जिले में निर्देशन एवं परामर्श केन्द्र हो।
मुख्य वक्ता प्रो॰ राजबीर सिंह, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय ने खुशी को स्वास्थ्य की कूंजी बताया। उन्होने अनुसंधान के आधार पर बताया कि बाँटने से खुशी बढ़ती है और व्यक्ति स्वस्थ्य रहता है। प्रो॰ विजया लक्ष्मी चौहान ने स्वागत करते हुए कहा कि परामर्श एवं निर्देशन में पूर्व तथा पश्चिम दोनों के ज्ञान के संगम से नई दिशाए प्राप्त होगी।
प्रो॰ फरीदा शाह डीन ने निरन्तर मेहनत तथा धनात्मकता को सफलता के लिए महत्वपूर्ण बताया। डॉ॰ कल्पना जैन ने कहा कि आधुनिक जीवन में तनाव बढ़ने के कारण निर्देशन व परामर्श की आवश्यकता है किन्तु व्यक्ति इसे लेने में हिचकिचाता है जबकि निर्देशन एवं परामर्श की उपचारात्मक तथा बचाव व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। कार्यक्रम के अन्त में डॉ॰तरूण शर्मा आयोजन सचिव ने धन्यवाद दिया व डॉ॰ डॉली गाँधी ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस संगोष्ठी में देश विदेश से 300 से अधिक प्रतिभागी अपने शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए उपस्थित हुए।
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