देश की राजधानी नई दिल्ली की गोल रोड से निकलना भले ही आपकी जेब को सुकून दे, लेकिन जेडीए के मनमाने करार से गुलाबी नगर की जनता को रिंग रोड पर टोल की मार झेलनी ही पड़ेगी।
दरअसल, जेडीए ने अपने अनुबन्ध में रोड बनाने वाली फर्म को 20 हजार वर्ग गज जमीन देने के साथ ही 28 साल तक टोल वसूली की छूट भी दी है। जबकि अगर दिल्ली की बात की जाए तो वहां दोनों रिंग रोड टोल फ्री हैं। ऎसे में सवाल उठता है कि जब दिल्ली में रिंग रोड पर टोल नहीं तो जयपुर की जनता के माथे ये भार क्यों डाला जा रहा है।
टोल मामले में सरकार करे दखल
उधर, टोल के मामले में आमजन भी सरकार के फैसले से सहमत नहीं है। उनका कहना है कि सरकार को इस मामले में दखल देना चाहिए। आखिर जनता की सुविधा का मामला है। जब दिल्ली में टोल नहीं लगता तो हमारे यहां टोल क्यों तय किया गया है।
टनल में छूट, रोड पर लगेगा टोल
जेडीए ने रिंग रोड के लिए जमीन पर कब्जे की कार्रवाई पुलिस बल के दम पर लगभग आधी से अधिक कर ली है। ऎसे में जल्द ही रोड का काम शुरू होने के आसार है और संभवतया लोगों को ढ़ाई साल में इसका फायदा मिलना शुरू हो जाएगा। लेकिन इसके साथ ही हर चौपहिया वाहन चालक को टोल के रूप में भार भी झेलना होगा। इस दौरान आगरा रोड से अजमेर रोड के बीच 47 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए दो जगहों पर टोल के रूप में 160 रूपए सेे अधिक की वसूली होगी। रिंग रोड पर टोल लगाने में जेडीए की दोहरी नीति भी सामने आई है। जेडीए ने घाट की गुणी स्थित टनल प्रोजेक्ट में तो हल्के वाहनों को टोल फ्री रखा है, लेकिन रिंग रोड में भार डालने की तैयारी है।