उदयपुर। शारदीय नवरात्रा पर घटस्थापना के साथ ही गरबा पांडालों, डांडिया स्थलों पर डांडियों की खनक और गरबा की धमाल भी शुरू हो गई। सुबह देवी मंदिरों में विविध धार्मिक अनुष्ठान, पूजन, हवन आदि के आयोजन हुए। शाम ढलते ही शहर में कई स्थानों पर गरबा महोत्सव में डांडियों की खनक गूंज उठी।
पहले दिन हालांकि गरबों की चमक थोड़ी कम रही लेकिन युवाओं में डांडियों को लेकर जोश है। पहले दिन रात को शहर के विभिन्न मोहल्ले मोचीवाड़ा, घंटाघर, जगदीश चौक, अम्बामाता, टीचर कॉलोनी, हिरणमगरी आदि कई जगह गरबा की धूम रही। कहीं डांडिया खेला गया तो कहीं पारम्परिक मंडल के बीच घट स्थापित कर हाथों से गरबा खेला गया।
पहले दिन जगदीश चौक में गरबों की खासी धूम रही। यहां विदेशी मेहमानों ने भी गरबों का आनंद उठाया। रोशनी से लकदक पांडाल ख़ासा आकर्षण का केंद्र रहा। सुबह सखी क्लब की ओर से होटल अलका में गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमे सजे-धजे परिधानों में महिलाओं ने डांडिया रास किया। क्लब की मुख्य संयोजक पुष्पा खमेसरा ने बताया कि अध्यक्ष मंजू बोर्दिया के नेतृत्व में क्लब की करीब 65 सदस्याओं ने डांडिया का लुत्फ उठाया।
वहीं एम जी कॉलेज में भी सुबह 10 बजे डांडिया का आयोजन किया गया। कॉलेज की छात्राएं पारम्परिक वेशभूषा में डांडिये की डीजे की धुनों पर थिरकी। 10 से 2 बजे तक चले आयोजन में कई राउंड हुए जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताएं भी हुईं। विभिन्न क्लबों द्वारा भी डांडियों का आयोजन किया जा रहा है। वाटिकाओं में होने वाले गरबा उत्सव में महिलाओं का प्रवेश निशुल्क रखा गया है जबकि पुरुषों पर 200 से 700 रुपए तक शुल्क लगाया गया है।
गूंजे गरबा पांडाल, डांडियों की खनक
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