खुलासा, राजस्थान विवि की छात्राओं का शोषण करते हैं शिक्षक

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ruRPJHONL004250920149Z52Z44 AMराजस्थान विश्वविद्यालय में शोध (पीएचडी) के लिए आने वाली छात्राओं से डिग्री के बदले में उनकी अस्मत तक मांगने की जुर्रत उनके गाइड प्रोफेसर कर देते हैं। शोध कराने वाले कुछ प्रोफेसरों (गाइड) की बदनीयती का शिकार कई छात्राएं बन रही हैं।

कॅरियर और इज्जत बचाने की मजबूरी में घिरी छात्राएं दबी जुबान से विरोध भी कर रही हैं। इनकी पीड़ा को भांपकर राजस्थान पत्रिका के मीडिया एक्शन ग्रुप (मैग) ने पड़ताल की तो परत दर परत कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, जो विश्वविद्यालय के कई प्रोफेसरों के घिनौने चेहरे को बेनकाब करते हैं।

मैग टीम ने पहले विश्वविद्यालय में सर्वे किया तो शोधार्थी छात्राओं ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर प्रोफेसरों की हरकतों को बयां किया। कुछ छात्राओं से बातचीत के बाद कुछ प्रोफेसरों की पड़ताल शुरू की तो कइयों के मुखौटे उतरते नजर आए।

ऎसा कुछ नहीं, सब सहमति से
छात्राओं को परेशान करने के बारे में बॉटनी के एक प्रोफेसर से शोध की बात की गई। उनको प्रोफेसर की बदनीयत के बारे में बताया गया। उन्होंने इस पर कहा, हमारे विवि में ऎसा कुछ नहीं है। जो होता है आपसी सहमति से होता है। इसे हरेसमेंट नहीं कहा जा सकता। यदि कोई गलत हरकत करे तो छात्राएं खुद को बचा सकती हैं।

सच आया सामने
मैग टीम ने विवि के 350 शोध छात्र-छात्राओं के बीच सर्वे किया। 81 प्रतिशत छात्राएं यौन उत्पीड़न के बारे में नहीं जानती हैं। 77 प्रतिशत जानती हैं कि यौन उत्पीड़न होता है।

तीन साल पहले हुआ था खुलासा
विवि में तीन साल पहले एक छात्रा ने शोध के बदले अस्मत मांगने का मामला उठाया था। इसमें भौतिकी के दो शिक्षकों को निलंबित किया था। विवि में और शिकायतें सामने आई हैं, शुरूआत में मामला दबा दिया।

पकड़ा था रैकेट
लोक प्रशासन विभाग के प्रोफेसर के घर पर पिछले साल सैक्स रैकेट पकड़ा था। मामले से जुड़े शिक्षकों को जेल भेजा था।

मैं बच गई
एक छात्रा ने बताया कि वे जिस शिक्षक के पास पीएचडी करने गई थी, उनकी सीट भर गई थी। बाद में पता चला कि वे लड़कियों के करीब आने की कोशिश करते हैं। खुद को खुशनसीब समझती हूं कि ऎसे शिक्षक के अंडर में शोध से बच गई।

शर्मनाक हरकतें
विवि हॉस्टल में रहने वाली शोध छात्रा ने बताया कि कई वरिष्ठ प्रोफेसर कई बार घर पर बुलाते हैं, जब घर वाले नहीं होते हैं तो बेशर्मी शुरू करते हैं। शुरूआत में सहानुभूति जताते हैं और नजदीकी बढ़ाते हुए बदतमीजी का प्रयास करते हैं।

हाथ देखने के बहाने बुलाते हैं
दर्शनशास्त्र प्रोफेसर की हरकतों का खुलासा कर छात्रा ने बताया कि वे पीएचडी और पीजी की छात्राओं को तीन बजे बाद विभाग में बुलाते हैं। वे हाथ देखने के बहाने हाथ पकड़ते हैं और असामान्य हरकतें करते हैं। डर और बदनामी के चलते छात्राएं चुप रह जाती हैं।

शिक्षा के मंदिर का सच
पढ़ाई के लिए विवि आने वाली छात्राओं के सामने प्रोफेसर की हकीकत आती है तो वे बदनामी के डर से अपनी बात किसी से शेयर नहीं कर पातीं।

81फीसदी छात्राएं यौन उत्पीड़न पर नहीं बोलती

77 फीसदी जानती है होता है शारीरिक उत्पीड़न

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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